रुड़की। ( बबलू सैनी ) आज नगर के एक होटल में एक सीएमई (कन्टीन्यूइंग मैडिकल एजुकेशन) का आयोजन किया गया। जिसका उद्घाटन वरिष्ठ जिला क्षयरोग डॉ. पंकज जैन एवं इण्डियन मैडिकल एसोसिएशन रुड़की के अध्यक्ष डॉ. रामसुभग सैनी ने दीप प्रज्जवलित कर किया।
सीएमई में एम्स ऋषिकेश से आये वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. महेन्द्र ने एक्टिव टी.बी. एवं लेटेंट टीबी की जानकारी देते हुए बताया कि एक्टिव टीबी में लक्षण सामने आते हैं, जबकि लेटेंट टीबी जिसमें अक्सर लोग बीमार नहीं पड़ते हैं, जिससे टीबी के लक्षण सामने नहीं आते हैं, इसके कारण इसे छिपी हुई या लेटेंट टीबी भी कहते हैं। इसमें बैक्टिरिया बहुत धीमी रफ्रतार से बढ़ते हैं और जब रोग प्रतिरोधक क्षमता कम होती हैं, तो यह टीबी रोग बनकर सामने आता हैं। लक्षण सामने न आने के कारण स्किन एवं ब्लड टेस्ट के जरिये ही इसका पता लगाया जा सकता हैं। जीत 2.0 के डिस्ट्रिक्ट लीड डॉ. चेतक राणा ने बताया कि प्रत्येक पल्मोनरी टीबी वाले मरीजों के नजदीकी संपर्क में हर व्यक्ति की लेटेंट टीबी की जांच इग्रा एवं स्किन टेस्ट के जरिये इसका पता लगाया जा सकता हैं एवं रिपोर्ट पॉजिटीव आते ही टीपीटी यानि टीबी प्रिवेंटिव थेरेपी शुरू कर दी जाती हैं। उन्होंने बताया कि अगर किसी को लेटेंट टीबी हैं, तो दवाई लगातार लेते रहे। डब्ल्यू.एच.ओ. कन्सलटेंट डॉ. मीरा भाटिया ने टीपीटी के बारे में विस्तार से बताया कि प्रत्येक फेफडे वाली टीबी की दवाई ले रहे मरीजों के नजदीकी संपर्क वाले व्यक्तियों को लेटेंट टीबी की जांच अवश्य करवानी चाहिए। वरिष्ठ जिला क्षय रोग अधिकारी डॉ. पंकज जैन ने बताया कि टीबी अन्य बीमारियों की तुलना में दूसरा सबसे बड़ा खतरनाक संक्रमण रोग हैं। दुनियाभर में टीबी के कारण मरने वालों की संख्या किसी भी अन्य संक्रामक बीमारी से मरने वाले लोगों से कई गुना अधिक हैं। यह आमतौर पर मनुष्य के फेफड़ों को प्रभावित करती हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने वर्ष 2025 तक भारत को टीबी मुक्त बनाने का लक्ष्य निर्धारित किया हैं। उन्होंने यह भी बताया कि अगर भारत एवं विश्व को टीबी मुक्त बनाना हैं, तो लेटेंट टीबी पर अंकुश लगाना पड़ेगा, इसके बाद एमओडीटीसी डॉ. शादाब द्वारा इग्रा टेस्टिंग के बारे में भी जानकारी दी गई। सीएमई के अंत में सर्वाधिक नोटिफिकेशन करने वाले चिकित्सा अधिकारियों को स्मृति चिन्ह प्रदान कर सम्मानित किया गया। सीएमई में सीएमएस डॉ. संजय कंसल, एमओटीसी डॉ. अनुभव, चिकित्सा अध्किारी डॉ. दिल्ली रमन, डॉ. अरूण, डीपीसी अनिल नेगी, एसटीएस मो. सलीम, जगजीवन राम, आशीष शर्मा, योगेश, अरविंद एलटी, नितिश कुमार, चेतन अकाउंटेंट, विनोद टीबीएचवी, जगदीश टीबीएचवी आदि मौजूद रहे।