रुड़की। ( बबलू सैनी )
जिला सहकारी बैंक की बोर्ड बैठक में बैंक के पूर्व चेयरमैन और वर्तमान में निदेशक सुशील चौधरी को बर्खास्त कर दिया गया है। साथ ही उनके 5 साल तक चुनाव लड़ने पर भी बोर्ड ने रोक लगा दी है। अभी उनका करीब डेढ़ वर्ष का कार्यकाल बचा था।
कांग्रेस के शासनकाल में जिला सहकारी बैंक में 19 गार्ड की भर्ती की गई थी। भर्ती प्रक्रिया में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी की गई, जिसे लेकर पूर्वावली गणेशपुर निवासी सुनीता चौधरी ने शासन से शिकायत की थी। शासन के निर्देश पर इस मामले में जांच कमेटी का गठन किया गया था। करीब 2 माह पहले निबंधक सहकारिता आलोक कुमार पांडे ने इस मामले में बैंक के तत्कालीन महाप्रबंधक दीपक कुमार और तत्कालीन जिला सहायक निबंधक सुभाष गहतोडी को प्रतिकूल प्रविष्टि देने के साथ ही 2 माह की वेतन वृद्धि रोक दी थी। निबंधक ने जिला सहकारी बैंक के बोर्ड को भी निर्देश दिए थे कि वह अपात्र अभ्यर्थियों पर कार्रवाई करें, साथ ही तत्कालीन बोर्ड के चेयरमैन पर भी कार्रवाई करें। इस दौरान 19 अभ्यर्थियों में से 9 अभ्यर्थियों के प्रमाण पत्रों में गड़बड़ी पाई गई थी, उनके खेल के प्रमाण पत्र फर्जी तरीके से बनाए गए थे। जिस पर उनकी सेवा समाप्त कर दी गई। साथ ही तत्कालीन चेयरमैन और बोर्ड के डायरेक्टर सुशील चौधरी को भी 1 सप्ताह के अंदर जवाब देने के लिए कहा गया था। बोर्ड की तीन बार बैठक हुई लेकिन उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया। जिसके बाद बोर्ड ने सर्वसम्मति से उन्हें बर्खास्त करते हुए उनके 5 साल तक चुनाव लड़ने पर भी रोक लगा दी। बैठक में उपाध्यक्ष राजेंद्र सिंह, निदेशक सुरेंद्र सिंह, प्रहलाद सिंह, देवेंद्र अग्रवाल, सुशील राठी, सुनीता देवी, कपिल कांता, मंजू देवी आदि मौजूद रहे।
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