रुड़की। ( बबलू सैनी ) जहां एक ओर सरकार द्वारा नौनिहालों को हष्ट-पुष्ट रखने के लिए आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के माध्यम से पुष्ट आहार वितरित कराया जा रहा हैं और यह योजना उत्तराखण्ड के सभी जिलों में लागू हैं। बच्चों के इस आहार में भी कमीशनखोरी करने के मामले का पटाक्षेप आज लण्ढौरा में देखने को मिला। जिससे पता चलता है कि यह विभाग भी भ्रष्टाचार की चपेट में आ गया हैं। इसी मामले को लेकर आज आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों द्वारा लण्ढौरा में विरोध-प्रदर्शन किया गया और वहां पहंुची सुपरवाईजर ऋचा गर्ग को भी खरी-खोटी सुनाई। साथ ही बताया कि जिस ठेकेदार से उनके यहां राशन आता हैं, वह गुणवत्ता में ठीक नहीं हैं। इसे देखते हुए उनके द्वारा दूसरे समूह के ठेकेदार से राशन ले लिया गया। जिस पर उक्त ठेकेदार ने अधिकारियों से शिकायत की और इसी शिकायत के आधार पर सुपरवाईजर ऋचा गर्ग लण्ढौरा पहंुची और कार्यकत्रियों को हड़काने लगी तथा कहा कि जिस ठेकेदार से राशन आ रहा हैं, उसी से लेना होगा, भले ही वह गुणवत्ता वाला न हो। ये ही नहीं सीडीपीओ देव सिंह का हवाला देकर उन्होंने कार्यकत्रियों पर दबाव बनाया और कहा कि दूसरे समूह से लिया गया राशन वितरित न किया जाये। वरना उनकी नौकरी भी खतरे में आ सकती हैं। साथ ही मीडिया को अगर बताया तो और भी बुरा अंजाम होगा। इस पर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने एक स्वर में कहा कि यदि आप हमारी समस्या नहीं सुनेंगी, तो वह आखिर किसको बतायेंगी। आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों ने यह भी आरोप लगाया कि सुपरवाईजर और सीडीपीओ ने जबरदस्ती अपने चहेते ठेकेदार द्वारा राशन डलवा दिया। जिसकी कोई एंट्री भी नहीं कराई गई। अब आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के सामने समस्या यह बन रही हे कि वह उक्त ठेकेदार का राशन बांटे या जिससे उन्होंने लिया उस राशन को वितरित करें। जिसके कारण दो दिन बीत जाने के बाद भी बच्चों का राशन नहीं बंट पाया। एक ओर अधिकारी कहते हैं कि आंगनबाड़ी स्वतंत्र हैं, वहीं दूसरी ओर आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों पर वह उल्टे दबाव बनाकर मनमानी करने पर उतारू हैं। वहीं कार्यकत्रियों पर इसे लेकर लगातार दबाव बनाया जा रहा हैं। इस मामले में अहम बात यह सामने आ रही है कि विभाग के सुपरवाईजर के साथ ही उच्च अधिकारियों का सम्बन्धित ठेकेदारों से अच्छा तालमेल हैं। यही कारण है कि वह अपने चहेते ठेकेदार से ही राशन लेने का दबाव बना रहे हैं। इस संबंध में कार्यकत्रियों द्वारा उच्च अधिकारियों को भी अवगत कराया गया हैं। यह मामला पूरे क्षेत्र में चर्चा का विषय बना हुआ हैं। वहीं जब इस सम्बन्ध में सुपरवाईजर ऋचा गर्ग से मीडिया ने बातचीत की, तो उन्होंने मामले को तूल न देने और आंगनबाड़ी कार्यकत्रियों के किसी भी आरोप का संतोषजनक जवाब नहीं दिया।