रुड़की। ( बबलू सैनी ) एक मामले में कोर्ट ने पुलिस की एफआर को खारिज करते हुए मामले की पुनः जांच कर आख्या पेश करने के निर्देश दिये। इस मामले में जहां एक ओर पुलिस के फटकार मिली हैं, वहीं विपक्षी लोग भी संदेह के घेरे में आ गये हैं। सही जांच रिपोर्ट पुलिस कोर्ट में पेश करेगी। उसके बाद ही घटना से पर्दा उठ सकेगा।
दरअसल मीनाक्षी भल्ला पत्नि नीरज अग्रवाल ने कोतवाली गंगनहर में मुकदमा दर्ज कराते हुए बताया था कि उसके पति के साथ रुड़की मेयर गौरव गोयल, राजीव गोयल, आलोक सैनी, सार्थक गोयल, मनोज कश्यप व अनुज सिंह ने बंधक बनाकर मारपीट की थी। इस घटना में उनके पति को चोट भी पहंुची थी। जिस संबंध में कोतवाली में मुकदमा दर्ज कराने के लिए तहरीर दी गई, लेकिन तहरीर लेने से मना कर दिया गया। इसके बाद पीड़िता कोर्ट पहंुची और उनके आदेश पर उक्त लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था। इस मामले में पुलिस ने आरोपियों से साज कर मुकदमा दर्ज करने के बाद एफआर लगा दी थी। लेकिन पीड़ित पक्ष इससे संतुष्ट नहीं हुआ, फिर कोर्ट में गुहार लगाई, तो इस पर कोर्ट ने सुनवाई करते हुए अपर वरिष्ठ सिविल जज/अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट रुड़की ने वादिनी मुकदमा आपत्तिकर्ता मीनाक्षी भल्ला की आपत्ति स्वीकार की ओर प्रभारी थानाध्यक्ष को आदेशित किया कि प्रस्तुत मामले में अग्रिम विवेचना कर आख्या न्यायालय में पेश की जाये। कोर्ट के इस आदेश से विपक्षियों को बड़ा झटका लगा हैं। अब पुलिस इस मामले में फिर से जांच करेगी।
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