रुड़की।
ह्यूमन इफेक्टिव रिलीफ़ एडवांस ट्रस्ट सिकंदरपुर भैंसवाल द्वारा ईद के मौके पर ट्रस्ट के फ़ाउन्डर एम.अ.साबरी की अध्यक्षता में ईद किट वितरित की गई। जिसमें भगवानपुर विधानसभा क्षेत्र के गांवों में ग़रीब, बेसहारा और विधवा महिलाओं को चिन्हित करके उन तक ईद किट पहुंचाई गई। साथ ही शाहपुर में झोपड़-पट्टियों में रह रहे कूड़ा बिनने वालों में बड़ी संख्या में ग़रीब मज़दूर रहते है, ऐसे लोगों को भी ईद किट वितरण की गई।
ट्रस्ट के फ़ाउन्डर ने सभी लोगों को ईद की मुबारकबाद देते हुए कहा कि आप ईद घरों पर रहकर ही सामाजिक दूरी का ध्यान रखते हुए मनाएं और ईद की नमाज़ भी अपने-अपने घरों में ही पढ़े। क्योकि खुदा उस इबादत को ज्यादा पसंद करता है, जिससे किसी को तकलीफ ना पहुंचे। आज हमारे देश में जो कोरोना वायरस बिमारी फ़ैली हुई है, यह ज़यादा आपस में मिलने जुलने से बढ़ती है। इसलिए हम आपस में दूरी बनाकर ही इबादत करें।
ट्रस्ट के फ़ाउन्डर एम.अ. साबरी ने कहा कि हमारे ट्रस्ट का मुख्य उद्देश्य ही गरीब बेसहारा लोगों और बच्चो को खुशी पहुंचाना है और गरीबों, मज़दूरों, बेसहारा, विधवा महिलाओं के चेहरों की मुस्कान ही हमारा सबसे बड़ा त्योहार होता हैं। अंत मे साबरी ने कहा कि रोज़ा खाली भूखा पेट रहने का नाम नहीं है, बल्कि रोज़े का कॉन्सेप्ट यह हैं कि हम गरीब, बेसहारा लोगों की भूख प्यास का एहसास करें और उसके बाद अपने दस्तरखान पर उनको शामिल करें। अगर वह हमसे दूर है, तो उनके दस्तरखान को हम उसी तरीके से पूरा करें, जैसे हम अपने दस्तरखान को सजाना पसंद करते हैं और अपनी जरुरतों की तरह उनकी जरूरतों को भी पूरा किया जाए यही रमजान का इस्लाम में असल कांसेप्ट है। अगर हमने इसको भुला दिया तो हमने रोजे के असल मकसद को भी भुला दिया। आज रमज़ान मुबारक ख़त्म हो रहा है। हम सिर्फ इसी एक महीने के रोज़ेदार ना बने बल्कि पुरी ज़िन्दगी में हम गरीबों मज़दूरों बेसहारा लोगों की भूख और प्यास का एहसास करते हुए उनका सहयोग करते रहे। जब बन्दा अपने मक़सद को पा लेता है, तब उसकी ख़ुशी (ईद) मनाने का लुत्फ उठाने में सुकून मिलता है। इसलिए हम हर समय गरीबों को याद रखें और हक़ीक़ी ईद मनाएं। इस मौके पर वसीला, फरजाना, नूरजहां, रामकली, हाजरा, मेहराज, नसीमा, वर्षा, जहिरा, गुलशना, जमीला, मुदी शाहिन आदि को किट वितरित की गई। ट्रस्ट की टीम में रहीस, सरफराज, बिलाल, नदीम, औन मुहम्मद, आसिफ, अन्जुम फ़ातिमा आदि मौजूद रहे।

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