रुड़की।
हरिद्वार रोड़ स्थित कोर कॉलेज में इंडस्ट्री एकेडेमिया मीट (विचार गोष्ठी) का आयोजन किया गया। जिसके अन्तर्गत विभिन्न औद्योगिक इकाईयों के अधिकारियों, सरकार के प्रतिनिधियों एवं शिक्षा जगत के विषय विशेषज्ञों ने विस्तार से चर्चा की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि उद्योग निदेशक सुधीर नौटियाल, विशिष्ट अतिथि नरेश कोरंगा उप महाप्रबंधक (वाणिज्य) सिडकुल, अरविंद पांडे महाप्रबंधक सिडकुल, जे.सी. जैन अध्यक्ष कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुडकी रहे।
विचार गोष्ठी का मुख्य उददेश्य औद्योगिक क्षेत्र एवं शैक्षणिक संस्थाओं के बीच सेतु बनाना एवं चर्चा के लिए एक संयुक्त धरातल प्रदान करना रहा। ताकि आज की शिक्षा प्रणाली को औद्योगिक क्षेत्र की आवश्यकतानुसार परिवर्तित किया जा सके। उक्त विचार गोष्ठी के निदेशक डॉ. बी0एम0 सिंह के नेतृत्व में मंच का संचालन डॉ. रेनु रानी ने किया। कार्यक्रम की शुरूआत में जेसी जैन ने सभी अतिथियों का स्वागत करते हुए बताया कि आज भारत सबसे बडी इकोनॉमी के रुप में उभर रहा है। बताया कि किस सैक्टर में कितना विकास हो रहा है और कहा कि ट्रेनिंग व शिक्षा छात्र-छात्राओं को कच्चे माल से तैयार उत्पाद में परिवर्तित करती, यह ट्रेनिंग ठीक प्रकार होनी चाहिए। औद्योगिक क्षेत्र के सहयोग से एक शिक्षण संस्थान यह सब कर सकती है। सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि हमें यह सोचना चाहिए कि औद्योगिक क्षेत्र एवं शैक्षणिक संस्थाओं में गैप क्यांे है। इसके लिए दोनो को एक साथ सोचना चाहिए एवं उस पर कार्य करना चाहिए। गोष्ठी में मुख्य अतिथि के रुप में बोलते हुए सुधीर नौटियाल ने कहा कि आज उच्च शिक्षा में पाठ्यक्रम अपडेट नही है। हम अभी भी परम्परागत तरीके से काम कर रहे हैं। हमारा सबसे बडा दुर्भाग्य है कि हमारे पास पाठ्यक्रम आधारित शिक्षा है। लेकिन हमंे आवश्यकता आधारित पाठ्यक्रम चाहिए। आज बदलाव की आत्यंत आवश्यकता है। पाठ्यक्रमांे को उद्योग के अनुरुप होना चाहिए और उद्योगों के उत्पादन बाजार की मांग के अनुरुप होने चाहिए। उन्होंने बताया कि अपनी मातृ भाषा उत्पादकता में बहुत बडा रोल अदा करती है। कार्यक्रम के अर्न्तगत उद्योग आधार शिक्षा के प्रोत्साहन के लिए औद्योगिक संगठनों और कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग रुड़की (कोर) के बीच मंे समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर भी किए गए। जिनमें 3 इण्डस्ट्रीयल एसोसिएशन सिडकुल, एम्पलाई वेलफेयर एसोसिएशन बहादराबाद, इण्डस्ट्रीयल डवलमेन्ट एसोसिएशन, रुडकी स्मॉल स्केल इण्डस्ट्रीयल एसोसिएशन, महेन्द्रा, आर0के0 इंजीनियरिंग पेरोक्स, रुबीको आदि रहे। कार्यक्रम के अन्तर्गत छात्रों द्वारा आधुनिक तकनीकि पर आधारित प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया। जिसे सभी अतिथियों ने खूब सराहा और छात्र-छात्राओं का उत्साहवर्द्धन किया। अंत में गोष्ठी का सारांश एवं कोर की उपलब्धियां प्रस्तुत करते हुए कुलपति डॉ. एस0पी0 गुप्ता ने कहा कि आज शिक्षा जगत को औद्योगिक क्षेत्र से जुडने की अत्यधिक आवश्यकता है। जैसे छात्र-छात्राओं को उनके अनुरुप विकसित किया जा सके और देश के विकास में सहभागिता निभाई जा सके। उन्होंने बताया कि शिक्षण संथाओं, औद्योगिक क्षेत्र एवं सरकार तीनांे एक साथ मिलकर ही एक विकसित समाज के उद्देश्य को प्राप्त कर सकते है। इस अवसर डॉ. हिमांशु चौहान, डॉ. सुशील जिंदल, के0आर0 अंसारी, डॉ. सुमित, डॉ. देवेद्र कुमार, वरूण प्रताप सिंह, अनुराग सिंह, डॉ. मृदुला, क्षितिज जैन आदि मौजूद रहे।
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