रुड़की। ( बबलू सैनी )
विधानसभा 2022 के चुनाव का शोरगुल खत्म हो गया है। इसके बाद प्रत्याशी अब घर-घर जाकर ही वोट मांग सकेंगे और समर्थक अपने-अपने प्रत्याशियों की जीत के लिए दिन-रात एक करने को आतुर हैं। क्योंकि कल सुबह मतदान होना है और इसके लिए सभी लोग तैयार हैं, लेकिन झबरेड़ा विधानसभा के बसपा प्रत्याशी आदित्य बृजवाल से लोगों को अभी भी एक ही जवाब की आश है कि आखिर उनके पिता हरिदास ने नारसन क्षेत्र को तहसील बनाने में कोई दिलचस्पी क्यों नहीं दिखाई। लोगों में यह सवाल रह-रह कर उठ रहा है।
साथ ही यह भी चर्चा चल रही है कि आखिर पिता-पुत्र वोट किस आधार पर मांग रहे हैं। क्या उन्हें स्वयं के द्वारा किए गए शर्मिंदगी वाले कार्यों से कोई शर्म नहीं आ रही। ग्रामीणों ने यह भी बताया कि जब हरिदास के कंधों पर कांग्रेस की सरकार चली, तो फिर झबरेड़ा विधानसभा क्षेत्र विकास से अछूता कैसे रह गया। सबसे बड़ी बात और सवाल यह उठ रहा है कि बसपा से विधायक बनने के बाद उनके कंधों पर चली कांग्रेस की सरकार में हरीश रावत द्वारा जो भी प्रस्ताव बसपा विधायकों द्वारा दिए गए, उनको प्राथमिकता के साथ पूरा किया गया, लेकिन झबरेड़ा विधानसभा क्षेत्र विकास से कोसों दूर इसलिए रह गया, क्योंकि उन्होंने एचआरडीए का अध्यक्ष पद लेकर खूब मलाई खाई और विधानसभा क्षेत्र के विकास की इबारत लिखना तो दूर, जनता की मूलभूत समस्याओं को दूर करने का भी उन्हें समय नहीं मिला ओर अपने राजनीतिक भविष्य को उज्ज्वल बनाने के लिए एक बड़ी गलती कर दी। वहीं इसके उलट सुरेंद्र राकेश ने मंत्री रहते हुए विधानसभा क्षेत्र के लिए इतना काम कराया, जो हमेशा याद किया जाता रहेगा। इसके साथ ही उन्होंने तहसील, डिग्री कॉलेज, मेडिकल कॉलेज समेत विकास की गंगा बहाई।
लेकिन हरिदास सिर्फ एचआरडीए की मलाई चाटते रह गए और विधानसभा क्षेत्र के विकास को भूल गए। इसके साथ ही उन्होंने 2017 में बसपा प्रत्याशी भागमल को भी हराने में अपना पूरा दमखम दिखाया था। आज बसपा प्रत्याशी आदित्य बृजवाल की लगातार अनदेखी और उपेक्षा की वजह यही है। क्योंकि अगर वह चाहते तो नारसन में तहसील धरातल पर आ सकती थी, जो सिर्फ कागजों तक ही सीमित रही। लेकिन उन्होंने एचआरडीए की अंधी मलाई में विकास को तवज्जो नहीं दी और आज जनता को झूठे वादों में गुमराह कर फिर से विधायक बनने के सपने देख रहे हैं। जिसको जनता नजदीक से देख चुकी है और इस बार पिता-पुत्र को सबक सिखाने का काम करेगी।
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