रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) उत्तराखंड सूचना आयोग के आदेश के बाद भी असिस्टेंट प्रोफेसर को उसकी सेवा पंजिका की प्रमाणित प्रति ना दंे, उसके स्थान पर पंजीकृत डाक से अखबार के पृष्ठ भेजने की शिकायत प्रोफेसर द्वारा राज्य सूचना आयुक्त तथा मुख्यमंत्री से गयी है। साथ ही प्रकरण के लोक सूचना अधिकारी/प्राचार्य को भी ईमेल द्वारा उनके इस कृत्य की शिकायत दर्ज करायी गयी है। डाॅ. सम्राट् शर्मा ने अब राज्य सूचना आयुक्त तथा मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में आरोप लगाया है कि बीएसएम पीजी काॅलेज रुड़की के लोक सूचना अधिकारी/प्राचार्या डाॅ. गौतम वीर द्वारा उन्हें जो सूचना पंजीकृत डाक से भेजी गई है, उसमें सेवा पंजिका के स्थान पर एक अखबार के 8 पृष्ठ, आगे पीछे कुल 16 पृष्ठ, रखकर भेजे गये हैं। डाॅ. सम्राट् शर्मा द्वारा प्राचार्य को भी ई-मेल द्वारा इस बारे में लिखा गया है। डाॅ. सम्राट् शर्मा का कहना है कि पूर्व में उत्तराखंड सूचना आयोग द्वारा उन्हें उनकी सेवा पंजिका हस्तगत कराने का आदेश दिया गया था, जो न कराने पर अब प्राचार्य पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाने का प्रकरण विचाराधीन है। सेवा पंजिका प्रति वर्ष कर्मचारी को दिखाने का प्रावधान है, जो उन्हें वर्षों से दिखायी तो दूर, आरटीआई से मांगने पर भी उपलब्ध नहीं करायी जा रही है और पंजिका में कुछ ना कुछ हेर फेर के कारण अब अखबार के पृष्ठ भेजकर लीपापोती की जा रही है। इस प्रकरण को लेकर उत्तराखंड सूचना आयोग की गंभीरता का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रकरण की आगामी सुनवाई के समय निदेशक, उच्च शिक्षा को व्यक्तिगत रुप से अथवा प्रतिनिधि के माध्यम से आयोग में उपस्थित रहने को आदेशित किया है। उत्तराखंड सूचना आयोग में प्रकरण की सुनवाई 17 फरवरी, 2023 निर्धारित हुई है।

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