रुड़की।
प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल उत्तराखंड की एक बैठक वरुण कंपलेक्स बीएसएम तिराहा रुड़की में आयोजित की गई। बैठक में कोविड- 19 महामारी के कारण कोविड कर्फ्यू पर चर्चा की गई।
पूरे उत्तराखंड में कोविड-19 कर्फ्यू के कारण किराना, परचून, मेडिकल की दुकानों को छोड़कर बाकी सभी प्रकार के व्यवसाय/प्रतिष्ठान पिछले 45 दिन से बंद चले आ रहे हैं जिससे व्यापारी हताश और निराश है। सरकार की ओर से किसी भी प्रकार की राहत सुविधा व्यापारियों को नहीं दी गई है।
आज इस विषय पर गहन मंथन चिंतन हुआ और यह तय पाया की उत्तराखंड की राजधानी देहरादून में एक प्रतिनिधि मंडल प्रांतीय उद्योग व्यापार मंडल उत्तराखंड का जाकर मुख्यमंत्री/उच्चाधिकारियों के सामने अपनी बात रखेगा। व्यापारियों की जितनी भी परेशानी है, उन पर गंभीरता पूर्वक शासन के उच्च अधिकारियों से चर्चा करेगा तथा उनको व्यापारियों की वास्तविक स्थिति से अवगत कराएगा।
आज व्यापारी की हालत बड़ी गंभीर है। उनके प्रतिष्ठानों पर जो कर्मचारी काम करते हैं, उनको वेतन कहां से दे, यह भी संकट बना हुआ है। अनेक व्यापारी तो ऐसे हैं, जिनका व्यवसाय बंद होने के कारण उनको आजीविका चलाने में भी कठिनाई उत्पन्न हो रही है। ऐसी परिस्थितियों में बाजार खोलने के अलावा व्यापारी के पास अन्य कोई साधन भी नहीं है। जीएसटी का रिटर्न, जीएसटी का धन, देयता भी समय से व्यापारी जमा नहीं कर पा रहा है। क्योंकि सब प्रतिष्ठान पर बैठने के बाद ही व्यापारी कर पाता है। घर से यह सब संभव नहीं है। शासन प्रशासन के द्वारा व्यापारियों को किसी भी प्रकार की बिजली पानी हाउस टैक्स जीएसटी आयकर में छूट नहीं दी गई है। ऐसे में व्यापारी अपने आप को असहाय महसूस कर रहा है। व्यापारियों को ऐसा लग रहा है कि शासन में उनकी बात सुनने को समझने को तैयार नहीं है या जानबूझकर व्यापारियों को उपेक्षित रखा जा रहा है, जबकि दूसरी ओर सारे सरकारी कार्यालय खुल रहे हैं। सभी प्रकार के निर्माण निर्बाध रूप से चल रहे हैं। व्यापारियों को छोड़कर सभी के व्यवसाय अपने-अपने स्थानों पर गतिमान हैं। केवल व्यापारी ही ऐसा है जिसका व्यवसाय बंद है। अब तो ऐसा लगने लगा है। दूसरे प्रदेशों से भी उत्तराखंड का शासन प्रशासन कोई सीख नहीं ले रहा है, जबकि दूसरे प्रदेशों में व्यापारियों को अपना व्यापार प्रतिष्ठान खोलने की अनुमति दी जा रही है। उत्तराखंड प्रदेश में भी शासन प्रशासन को व्यापारियों की समस्याओं को ध्यान में रखते हुए उन्हें कुछ छूट देनी चाहिए जिससे सब का व्यवसाय चल सके अन्यथा व्यापारी वर्ग आंदोलन करने को मजबूर हो जाएगा। बैठक में अजय गुप्ता, नवीन गुलाटी, अनुज अग्रवाल, रामगोपाल कंसल, आदर्श कपानिया, दीपक अरोड़ा, सरदार सतवीर सिंह, कविश मित्तल, हैप्पी भल्ला आदि मौजूद रहे।