रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) हरिद्वार के सलेमपुर, दादूपुर, गोविंदपुर आदि क्षेत्र में प्लास्टिक का गुल्ला बनाने वाले और उसकी एवज में भारी भरकम प्रदूषण फैलाने वाले कबाड़खानों के बढ़ते मकड़जाल से परेशान स्थानीय निवासियों ने जल्द ही बड़ा धरना-प्रदर्शन करने की चेतावनी दी हैं। स्थानीय लोगों ने यहां तक कहा कि यदि इस बढ़ते प्रदूषण पर तत्काल प्रभाव से रोेक नहीं लगाई गई, तो उन्हें यहां से पलायन करने को विवश होना पड़ेगा। अब प्रशासन के सामने बड़ी चुनौती यह है कि आखिर वह इन कबाड़खानों और लघु उद्योगों तथा प्रदूषण को बढ़ावा देने वाले कारखानों पर कब तक लगाम लगा पायेंगे। प्रशासन के ढुल-मुल रवैये से स्थानीय लोगांे में भारी आक्रोश बना हुआ हैं। उन्होंने जिला कार्यालय पर धरना-प्रदर्शन की चेतावनी भी दी और प्रशासनिक कार्यशैली पर सवाल भी उठाये। क्योंक स्थानीय लोगांे द्वारा कई बार प्रशासन से इस संबंध में गुहार लगाई गई थी, लेकिन उनकी ओर से कोई भी ठोस कार्रवाई नहीं की गई। सलेमपुर व दादूपुर, गोविंदपुर आदि क्षेत्रों में बड़े पैमाने पर प्रदूषण फैलाकर प्लास्टिक से गुल्ले बनाये जा रहे हैं। लेकिन जिला प्रशासन और प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अधिकारियों की ढुलमुल कार्यशैली से इन लोगों के हौंसले बुलंद हैं, जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा हैं। पीसीबी अधिकारियों द्वारा खानापूर्ति के लिए कार्रवाई तो की जाती हैं, लेकिन मामला शांत होने के बाद फिर से ऐसे लोगों को झरी झंडी दे दी जाती हैं, जिससे ऐसे लोग प्रदूषण को फिर से जमकर फैलाने में जुट जाते हैं। प्रदूषण विभाग के भ्रष्ट अधिकारियों के कारण ही आमजन को प्रदूषण संबंधित समस्याओं से जूझना पड़ रहा है। रिहायशी इलाके में बढ़ते जा रहे इन कारखानों व लघु उद्योगों से आमजन को जीवन यापन में बड़ी कठिनाईयों से होकर गुजरना पड़ रहा हैं। अब सवाल यह है कि आखिर पीसीबी अधिकारी ऐसे उद्योगों पर कार्रवाई करने से बच क्यों रहे हैं। इसके पीछे उनका निजी लाभ कहे हैं या किसी के दबाव में कार्य करते हैं, यह तो वही जाने, लेकिन जिस तरह से आमजन को परेशानी उठानी पड़ रही हैं, इससे साफ अंदाजा लगाया जा सकता हैं, कि प्रशासन से पीसीबी अधिकारियों को उनकी कोई चिंता नहीं है। फिलहाल ग्रामीणों ने चेतावनी दी हैं, यदि प्रशासन कोई कदम नहीं उठाता, तो वह धरना-प्रदर्शन को बाध्य होंगे।