रुड़की। ( बबलू सैनी ) कोविड-19 के दौरान बंद रहे स्कूल की मेंटेनेंस फीस लिये जाने के विरोध में आज अभिभावकों ने हंगामा खड़ा कर दिया। बड़ी संख्या में अभिभावक एकत्र होकर स्कूलों के बाहर प्रदर्शन करने लगे। इसके बाद ज्वाईंट मजिस्ट्रेट को ज्ञापन सौंपकर मेंटेनेंस फीस माफ किये जाने की मांग की। अभिभावकों का आरोप है कि मेंटनेंस फीस न दिये जाने पर बच्चों के परीक्षा मंे न बैठने की धमकी भी स्कूल प्रबन्धन द्वारा दी जा रही हैं।
बताया गया है कि कोविड-19 महामारी के कारण सरकार द्वारा स्कूलों को बंद रखने के आदेश जारी किये गये थे। इस दौरान केवल ट्यूशन फीस ही लेने के आदेश जारी किये गये थे और किसी भी प्रकार की फीस पर पूर्णतः रोक लगा दी थी। लेकिन अब कोरोना का प्रकोप कम होने के कारण जब फिर से स्कूल खुले, तो कई स्कूलों ने बच्चों के अभिभावकों को मेंटेनेंस समेत अन्य कई तरह के चार्ज के साथ रसीद थमा दी। जिसके बाद अभिभावकों में निराशा छा गई। आज इसी मेंटेनंेस फीस के विरोध में बड़ी संख्या में अभिभावक सेंटेंस स्कूल के बाहर एकत्रित हुये ओर मेंटेनेंस फीस के विरोध में जोरदार नारेबाजी की। इस दौरान अभिभावकों ने बताया कि ट्यूशन फीस के साथ मेंटेनेंस चार्ज भी वसूला जा रहा हैं, जो करीब 7 से 10 हजार रुपये के करीब दिया जा रहा हैं। अभिभवकों के अनुसार मार्च तक की ट्यूशन फीस ली जा रही हैं, जिसे अभिभावक देने को तैयार हैं, लेकिन इसके साथ ही मेंटेनेंस फीस भी मांगी जा रही हैं और जमा न करने पर बुधवार 23 फरवरी से शुरू होने वाली परीक्षा में बच्चों को न बैठाने की चेतावनी दी जा रही हैं, न ही बच्चों को परीक्षा के लिए एडमिट कार्ड उपलब्ध कराये गये हैं। अभिभवकांे का कहना है कि वह नये सत्र से मेंटेनेंस पफीस देने को तैयार हैं। लेकिन जब स्कूल बंद रहे, तो फीस वह क्यों दें। इसके बाद अभिभावकों ने एकत्र होकर ज्वाईंट मजिस्ट्रेट अंशुल सिंह को एक ज्ञापन सौंपा, जिसके बाद जेएम अंशुल सिंह ने स्कूल प्रबन्धन से वार्ता की ओर अभिभावकों को अवगत कराया कि वह केवल ट्यूशन फीस ही जमा करें। लेकिन इसके बावजूद भी स्कूल प्रबन्धन ने मेंटेनेंस फीस जमा न करने वाले बच्चों को एडमिट कार्ड नहीं दिये। जिससे अभिभावकों ने स्कूल प्रबन्धन के खिलाफ जमकर नारेबाजी की।

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