रुड़की।
जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान रुड़की में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत विद्यालय शिक्षा की पाठ्यचर्या के विकास हेतु एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया।
शनिवार को डायट रुड़की के सभागार में नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अंतर्गत पाठ्यचर्या के विकास हेतु पर्यावरण को समावेशित करते हुए जनपद के शिक्षाविदों, समाज के सामाजिक कार्यकर्ताओं, संस्कृतिकर्मी, भूगोलविद एवं जनप्रतिनिधियों से सुझाव आमंत्रित किये गए। डायट प्राचार्य ने इस सम्बंध में बताया कि ऐसे सुझाव राज्य के प्रत्येक जनपद से आमंत्रित किये जा रहे है, जिन्हें एससीआरटी के माध्यम से पाठ्यचर्या निर्माण हेतु एनसीईआरटी दिल्ली को प्रेषित किया जाएगा। बीएसएमपीजी काॅलेज के प्रवक्ता डाॅ. सुजीत सिंह ने पौधों के महत्व एवं ग्लोबल वार्मिंग को पाठ्यचर्या से जोड़ते हुए अपने विचार रखे। वरिष्ठ प्रवक्ता भारती शर्मा ने नवाचारी शिक्षण कार्य को पर्यावरण पाठ्यचर्या के विकास हेतु आवश्यक बताया। प्रवक्ता किरण बाला ने पर्यावरण के विकास में आने वाली योजनाओं को हमे नई पीढ़ी के लिए समयनर्गत लागू करना होगा। केएलडीएवी के वनस्पति विज्ञान के विभाग अध्यक्ष मंजुल धीमान ने कार्यशाला में भाग लेने वाले सभी शिक्षकों को प्रेरित किया। कार्यक्रम का संचालन डायट प्रवक्ता वैष्णो कुमार ने किया। कार्यक्रम समन्वयक अरविंद कुमार रहे। कार्यक्रम में डाॅ. अनिता नेगी एवं डाॅ. सरस्वती पुंडीर का सहयोग सराहनीय रहा। कार्यशाला में शकुंतला नेगी, राजीव कुमार शर्मा, विधि गुप्ता, ज्योति आर्य, विवेक सैनी, नीलम आदि ने प्रतिभाग किया।
उत्तराखंड
टिहरी
दिल्ली
देश
देहरादून
बड़ी खबर
ब्रेकिंग न्यूज
मेरी बात
मेहमान कोना
राज्य
रुड़की
रुद्रप्रयाग
सोशल
हरिद्वार