रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
महापौर गौरव गोयल की मुश्किलें लगातार बढ़ती जा रही है। आज इसी संबंध में उनके खिलाफ की गई शिकायत के आधार पर जिलाधिकारी हरिद्वार द्वारा नामित जांच अधिकारी के रुप में सीडीओ प्रतीक जैन सुबह के समय नगर निगम स्थित मुख्य नगर अधिकारी के कार्यालय में पहुंचे। जहां उन्होंने विभिन्न शिकायतों से संबंधित कार्यों की जांच परख की और रजिस्टर भी जांचें। इसके अलावा उन्होंने संबंधित पार्षदों से भी वार्ता की, जिन्होंने अलग-अलग मामलों में शिकायत की हुई थी और महापौर गौरव गोयल को भ्रष्टाचारी बताते हुए
उनके खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की मांग की गई थी। रुड़की पहुंचे सीडीओ प्रतीक जैन ने पार्षदों और ठेकेदारों से वार्ता के बाद साक्ष्य एकत्र किए और चले गए। इस दौरान ठेकेदारों ने भी अपनी समस्याएं सीडीओ के समक्ष उठाई और कहा कि मेयर गौरव गोयल द्वारा जिन निर्माण कार्यों के पैसे ले लिए जाते हैं, उन कार्यों की फाइल भुगतान के लिए आगे बढ़ा दी जाती है और जिन फाइलों के पैसे ठेकेदार मेयर गौरव गोयल को नहीं देते, उन्हें मेयर द्वारा रोक दिया जाता है। आलम यह है कि ऐसे अनेक निर्माण कार्य हैं, जिनके कार्यों की फाइल तक गायब कर दी गई। क्योंकि ठेकेदारों ने मेयर को पैसे देने से साफ इनकार कर दिया था। दिलचस्प बात यह भी है कि नगर निगम क्षेत्र में अन्य विभागों द्वारा बनाई गई सड़कों की भी महापौर गौरव गोयल ने फर्जी तरीके से एमबी कराकर पैसा हड़प कर लिया और यह एक नहीं दो तीन बार हुआ।
बताया गया है कि विगत 21 जुलाई को हाईकोर्ट में महापौर गौरव गोयल के खिलाफ रुड़की निवासी अमित अग्रवाल द्वारा दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए एचसी ने दो माह के अंदर शासन को मामले के निस्तारण के निर्देश दिए थे। याचिका में शिकायतकर्ता ने महापौर पर आरोप लगाया था कि लीज नवीनीकरण मामले में महापौर ने 25 लाख की रिश्वत की मांग की थी, जिसका ऑडियो वायरल हुआ, तो पुलिस ने जांच की, जिसमें आवाज महापौर की ही निकली। साथ ही अपने कार्य क्षेत्र से बाहर जाकर फाइलों पर लिखने और चुनिंदा ठेकेदारों की फाइलों की जांच कराने का आरोप लगाया था। याचिका में एक कर्मचारी की पत्नी को भी प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था। मामले की सुनवाई के बाद हाईकोर्ट के आदेश पर शहरी विकास सचिव की ओर से डीएम हरिद्वार को जांच आख्या प्रस्तुत करने के निर्देश दिए गए थे। डीएम ने जांच अधिकारी सीडीओ प्रतीक जैन को नियुक्त कर जल्द से जल्द जांच आख्या मांगी थी। जांच अधिकारी के रूप में निगम कार्यालय पहुंचे सीडीओ ने शिकायत से संबंधित दस्तावेज खंगाले। साथ ही पार्षदों के भी ब्यान दर्ज किए। इस दौरान पार्षदों ने आरोप लगाया कि महापौर नगर के विकास में बाधा बने हुए है। इस दौरान पार्षद विवेक चौधरी, पंकज सतीजा, राकेश गर्ग, हेमा बिष्ट, नितिन त्यागी, बेबी खन्ना, धीरज पाल, आशु अग्रवाल, पूनम देवी, अंजू देवी के अलावा ठेकेदार अनुज त्यागी, सत्येंद्र राणा, नितिन त्यागी, सन्नी रघुवंशी व नीलू गुप्ता समेत शिकायतकर्ता मौजूद रहे।