रुड़की।
छोटे व्यापारियों ओर आम आदमी पार्टी के द्वारा व्यापारी हित में किये गए प्रदर्शन के दबाव में सरकार द्वारा 10 बजे से 5 बजे तक दुकानें खोलने को नाकाफी बताते हुए आम आदमी पार्टी ने चारधाम यात्रा और आर्थिक पैकेज के साथ-साथ टैक्स में रियायत को लेकर भाजपा सरकार से स्थिति स्पष्ट करने की मांग की।


आप प्रदेश उपाध्यक्ष ओ पी मिश्रा ने कहा कि सरकार द्वारा व्यापारिक प्रतिष्ठानो का समय 10 बजे से शाम 5 बजे तक करने का स्वागत करते है, परंतु यह काफी नही है। पिछले वर्ष कोरोना महामारी से हुए लॉकडाउन से पूरा व्यवसाय ठप्प हो गया था। इस वर्ष पहले कुंभ और फिर चारधाम यात्रा को लेकर व्यपारियो में एक आस जगी थी, परंतु कोरोना की दूसरी लहर ने उन व्यवसायियो की भी कमर तोड़कर रख दी।

व्यवसायी बंद पड़ी दुकानों को खोलने ओर आर्थिक पैकेज के साथ साथ विभन्न प्रकार के व्यवसाइयों को टैक्स में रियायत की मांग कर रहे थे, जो कि जायज मांग है। हम व्यपारियों की मांग का समर्थन करते है और दिल्ली की तर्ज पर टेक्सी मैक्सी/ऑटो/विक्रम चालको को 5,000 रुपये आर्थिक सहायता की मांग करते हुए टैक्स में रियायत की मांग करते है। आप की पूर्व जिलाध्यक्ष हेमा भण्डारी व जिला सचिव अनिल सती ने कहा कि व्यापारी लंबे समय से अलग-अलग बैनर तले अपनी मांगों को लेकर मुखर था। परंतु सरकार के कानों में जूं नही रेंग रही थी। यदि व्यापारी नेता अपने राजनीतिक स्वार्थों से परे गुटों में न बटकर एक होकर व्यपारियो के हितों के लिए लड़ता, तो आज व्यापारियों को यू संघर्ष न करना पड़ता। जिला संगठन सचिव नवीन मारिया ने कहा की दिल्ली की केजरीवाल सरकार ने 18 वर्ष और इससे अधिक की आयु वर्ग के लोगो के लिए फ्री टीकाकरण की मांग की थी। जिसे देर से ही सही केंद्र सरकार को मानना ही पड़ा। अरविंद सरकार की योजनाओं को केंद्र सरकार ही नही बल्कि अन्य राज्यो की सरकार भी अपने राज्यो में लागू कर रही है। दिल्ली मॉडल आज देश में ही नही अपितु पूरे विश्व में अपनी छाप छोड़ रहा है। रुड़की जॉन सचिव दुष्यंत महारथी व संगठन मंत्री पिरान कलियर ब्रहम सिंह धीमान ने कहा कि जिन राज्यो में डबल इंजन की सरकार है, वहाँ की जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ नही मिल पाता। आज उधोग धंधा व्यापार सब चौपट हो गया है। सरकार को आर्थिक पैकेज का एलान करने के साथ साथ चारधाम यात्रा को लेकर अपनी स्तिथि स्पस्ट करनी चाहिए और व्यपारियो पर दर्ज हुए मुकदमे वापिस होने चाहिए। उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी जनहित के मुद्दों पर लगातार सक्रियता के साथ जनता के बीच जाकर उत्तराखंड की बीजेपी सरकार पर दबाव बनाए हुए है और आप के दबाव में भाजपा को अपने संगठन व सरकार में कई बदलाव करने पड़े तथा एक बार फिर आम आदमी पार्टी के प्रदर्शन के दबाव में बाजार खोलने का फैसला लिया गया है। यदि उत्तराखंड सरकार अपने विवेक से जनहित में फैसले लेती और लोगों को राहत पहुंचाने में दिलचस्पी दिखाती, तो आज प्रदेश की जनता के हालात कुछ और ही होते। परंतु उत्तराखंड में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही पार्टियों की सरकारें उत्तराखंड का विकास करने में असफल रही और जनता को बेवकूफ समझकर अपना हित साधने में लगे रहे। जिसका नतीजा है कि उत्तराखंड के मतदाता वे जनता दोनों ही पार्टियों से निराश होकर उत्तराखंड में आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने का मन बना चुकी है और आम आदमी पार्टी का समर्थन कर रही है।

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