रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) गणतंत्र दिवस के अवसर पर नगर निगम रुड़की तथा उत्तराखंड नागरिक सम्मान समिति के तत्वाधान में नगर निगम सभागार में अखिल भारतीय कवि सम्मेलन व मुशायरे का आयोजन किया गया, जिसमें अनेक प्रतिष्ठित कवियों तथा शायरों ने राष्ट्रभक्ति, सद्भाव राष्ट्रीय एकता, वर्तमान हालात तथा हास्य रंग की रचनाएं प्रस्तुत की कर श्रोताओं को देर रात तक मंत्रमुग्ध किया। मुशायरे की अध्यक्षता वरिष्ठ कवि एस.के. सैनी ने की एवं संचालन अंतर्राष्ट्रीय शायर व समिति के महासचिव अफजल मंगलौरी ने किया। शुभारंभ अवसर पर अतिथि के रुप में पहुंचे मेयर गौरव गोयल ने कहा कि देश की आजादी में जहां हर वर्ग के लोगों ने भागीदारी की। वहीं सबसे अधिक योगदान कवियों एवं शायरों का रहा, जिन्होंने अपनी कविता और शायरी के माध्यम से अंग्रेजों के खिलाफ देश में वातावरण बनाया। ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव शाह ने कहा कि कवि या शायर समाज का आईना होते हैं, इसलिए इनकी रचनाओं में सामाजिक परिवेश तथा समाज में घटने वाली तमाम घटनाओं का चित्रण मिलता है। नगर आयुक्त विजय नाथ शुक्ल ने कहा कि कवि समाज का मार्गदर्शक होता है और अपनी कविताओं के माध्यम से समाज की पुरुषों पर सिर्फ कटाक्ष ही नहीं करता, बल्कि उनसे बचने का रास्ता ही बताता है। इस अवसर पर जयपुर से आए हुए कवि बनज कुमार बनज, दिल्ली से आए वर्षा वरिष्ठ शायर अहमद अलवी ‘रेगुलर अमेठी’ को ज्वाइंट मजिस्ट्रेट अभिनव शाह, मेयर गौरव गोयल तथा नगर आयुक्त विजय नाथ शुक्ला ने स्मृति चिन्ह, शाॅल भेंटकर सम्मानित किया। अन्य कवियो में तारीफ नियाजी रामपुरी, खुशबू शर्मा, किरन प्रभा, अनीता मौर्य, अमजद अजीम, नफीसुल हसन, ओमप्रकाश नूर, गौरव विवेक, बृजेश त्यागी, शब्बीर शाद, नीरज नैथानी, राजेश जैन, विनोद कुमार पांडे, काजी शकील अल्वी आदि ने काव्य पाठ किया। अफजल मंगलौरी ने जोशीमठ में आई दैवीय आपदा पर ‘हिमालय की पीड़ा’ शीर्षक से नया गीत प्रस्तुत किया, जो श्रोताओं द्वारा बहुत पसंद किया गया। साहिबाबाद से आए राज्यसभा के डिप्टी डारेक्टर कवि बृजेश त्यागी ने ‘खूंटी पर टँगी जिंदगी’ कविता पेश की। इस अवसर पर भाजपा जिलाध्यक्ष, संयोजक सावित्री मंगला, अरविंद गौतम, आदेश सैनी, आशीष सैनी, कांग्रेस नेता ईश्वर लाल शास्त्री, मोमिन कांफ्रेंस के महासचिव अताउर रहमान अंसारी, सईद कादरी, शशि सैनी, रश्मि चैधरी, एडवोकेट ब्रजेश त्यागी, सलमान फरीदी, नईम सिद्दीकी, रियाज कुरैशी, डाॅ. सुष्मिता पंत, डाॅ. दीपक डोभाल, अजय राजवंशी, पूजा नंदा, इमरान देशभक्त, पार्षद संजीव टोनी, मोहसिन अल्वी, आशीष अग्रवाल, बेबी खन्ना, पीयूष ठाकुर, मुमताज अहमद आदि मौजूद रहे। कवि सम्मेलन को बुलंदियों पर पहुंचाते हुए जयपुर से पधारे वरिष्ठ कवि बनज कुमार बनज ने पढ़ा कि गिद्ध-बाज के साथ में, मंडराती है चील। क्या सचमुच हम हो गए, लाशों में तब्दील। दिल्ली से पधारे अहमद कवि अहमद अल्वी ने पढ़ा कि… आज हवा के साथ में, घूम रही है आग। वरना यू जलता नहीं, बस्ती का अनुराग। रामपुर से तशरीफ लाये शायर तारीफ नियाजी रामपुरी ने फरमाया कि तू कहाँ मेरी बात समझेगा। तेरे सर पर सवार है दुनिया। श्रीनगर से पधारे कवि नीरज नैथानी ने यूं पढ़ा कि… कूड़े के ढेरों को चुन कर। बचपन यूं ही पल जाता है। इसके अलावा सैयद नफीसुल हसन ने राष्ट्रीय एकता और गीत प्रस्तुत कर वहवाही लूटी। अंत में मेयर गौरव गोयल द्वारा सभी कवियों एवं शायरों का सम्मानित किया गया।

वहीं दूसरी ओर नगर निगम रुड़की सभागार में उत्तराखण्ड नागरिक सम्मान समिति के तत्वाधान में कवि सम्मेलन का आयोजन किया गया, जिसमें कवियों ने अपनी रचनाएं प्रस्तुत कर समा बांध दिया। इस कार्यक्रम में जेएम अभिनव शाह ने कहा कि कवि और शायर समाज का आईना होते हैं। वहीं नगर आयुक्त विजयनाथ शुक्ल ने कहा कि कवि समाज का मार्गदर्शक होता हैं। वहीं पर्यावरण मित्र शिक्षक अशोक पाल सिंह ने कहा कि शायर और कवि सम्मेलन आपसी भाईचारे को बढ़ावा देते हैं, इसलिए देश और समाजहित में समय-समय पर इनका आयोजन करना बेहद जरूरी हैं। एक कवि और शायर देश की राजनीति का को आईना दिखाता हैं। इससे पूर्व मेयर गौरव गोयल तथा नगर आयुक्त विजयनाथ शुक्ल ने स्मृति चिन्ह व शाॅल भेंटकर उन्हें सम्मानित किया। वहीं शिक्षक अशोक पाल सिंह ने कार्यक्रम आयोजकों का हृदय से आभार प्रकट किया।

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