रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति एवं अशोक नगर क्षेत्रीय विकास समिति द्वारा संयुक्त रूप से आज एक होटल में प्रेसवार्ता का आयोजन किया गया। इससे पूर्व आन्दोलनकारियों की मांगों के शीघ्र निस्तारण के लिए मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन संयुक्त मजिस्ट्रेट रुड़की को सौंपा।
इस दौरान जानकारी देते हुए केन्द्रीय अध्यक्ष एवं रुड़की के प्रथम राज्य आंदोलनकारी हर्ष प्रकाश काला ने कहा कि 9 नवम्बर को हम उत्तराखंड राज्य स्थापना की 23वीं वर्षगांठ मनाने जा रहे हैं। परन्तु 23 वर्ष के युवा उत्तराखंड की प्रगति की प्रक्रिया उत्तराखंड राज्य निर्माण संघर्ष से कोसों दूर है, क्योंकि जिस जवानी, जल, जंगल एवं जमीन को बचाने के साथ ही शिक्षा, स्वास्थ्य एवं मूलभूत समस्याओं के लिए सतत संघर्ष करना पड़ेगा। विकास के लिए छोटा परिवार, सुखी परिवार के आधार पर कम से कम 7 नये जिलों की घोषणा की, वह शीघ्र होनी चाहिए। राज्य निर्माण में संघर्षरत आन्दोलनकारियों का चिन्हीकरण,एक समान पेंशन, मृतक आश्रितों को पेंशन,10% क्षैतीज आरक्षण आश्रितों को एवं राज्य निर्माण सेनानी का सम्मान मिलना चाहिए। वहीं 1950 का मूल निवास एवं उत्तराखंड के लिए हिमाचल की तरह सशक्त भू कानून अति आवश्यक है। अगर सरकार ने देवभूमि के लिए यह नियम नहीं बनाए, तो उत्तराखंड को राक्षसी राज्य बनाने से कोई नहीं रोक सकता। हर्ष प्रकाश काला ने घोषणा की कि अगर 9 नवम्बर स्थापना दिवस पर मुख्यमंत्री उत्तराखंड चिन्हीकरण से बंचित राज्य आंदोलनकारियों को चिन्हित नहीं करते एवं 10% क्षैतीज आरक्षण का शासनादेश जारी नहीं करते, तो हम अपना सम्मान पत्र सरकार को वापिस कर देंगे। साथ ही आन्दोलनकारी पेंशन भी नही लेंगे। क्योंकि जिन आन्दोलनकारियों ने अपनी जवानी को उत्तराखंड राज्य के निर्माण हेतु न्यौछावर कर दिया, उनका अपमान कदापि सहन नही किया जायेगा। उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी संघर्ष समिति के केन्द्रीय कोषाध्यक्ष प्रेमदत्त गोदियाल ने कहा कि चिन्हीकरण आन्दोलनकारियों की राज्य संघर्ष में सक्रियता एवं वरिष्ठता के आधार पर होना चाहिए। समाचार पत्रों एवं एलआईयू के आधार पर कई फर्जी चिन्हित हो चुके हैं, जिसकी जांच होनी चाहिए एवं आन्दोलन के दौरान उपस्थिति रजिस्टर को आधार मानकर चिन्हीकरण होना चाहिए। जहां देखो वहां फर्जी नियुक्तियों से सारा उत्तराखंड भरा हुआ है, जो बाहरी राज्यों से है। उन्होंने कहा कि एम्स में फर्जीवाडे का खुलासा होने के बाद भी कोई कार्यवाही नहीं हुई, जबकि बाहरी प्रदेशों से ही इसी प्रकार सभी विभागों में अधिकारियों एवं नेताओं के गठजोड़ ने उत्तराखंड को खोखला कर दिया है, जिसके कारण उत्तराखंड के युवाओं को बेरोजगारी या पलायन की मार झेलनी पड रही है। उत्तराखंड में भू कानून एवं मूल निवास पर सरकार को सख्त होना चाहिए अन्यथा उत्तराखंड बनाने का कोई अस्तित्व नहीं रह पायेगा।इस अवसर पर वरिष्ठ आन्दोलनकारी सरोज थपलियाल, दिक्का ध्यानी, राधा कृष्ण पुरोहित, बिजेंद्र हेमदान अध्यक्ष अशोक नगर ट्यूबल क्षेत्र, शिव चरण बिंजौला महामंत्री अशोक नगर क्षेत्रीय विकास समिति मौजूद रहे।

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