रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) आज रुड़की में प्रथम बार आयोजित होने जा रहे महारुद्र यज्ञ के निमित कलश यात्रा निकाली गई, सर्वप्रथम पवित्र कलश का नहर किनारे सत्यनारायण मंदिर पर मंत्र उच्चारण के साथ पुरोहितों द्वारा पूजा अर्चना की गई। इसके पश्चात् ढोल-नगाड़ों के साथ महिलाओं ने सर पर पवित्र कलश रखकर कलश यात्रा प्रारंभ की, कलश यात्रा के आगे-आगे शिव बारात में बहुत सुंदर

झांकी चल रही थी, उसके पीछे रथ पर आचार्य रमेश सेमवाल एवं आचार्य रजनीश शास्त्री विराजमान थे, अंत में बैंड-बाजों और ढोल नगाड़ों के साथ-साथ जूना अखाड़े के वरिष्ठ महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज रथ पर विराजमान थे। स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज ने कहा कि जो महिलाएं इस पवित्र कलश को सिर पर धारण कर कलश यात्रा में प्रतिभाग करती हैं, उनके सारे कष्ट मिट जाते हैं। ऐसा शास्त्रों में कहा गया है। इस कलश यात्रा में 500 से अधिक महिलाओं ने हिस्सा लिया एवं कलश में पवित्र जल लेकर जीवनदीप आश्रम तक कलश यात्रा निकाली गई। जहां पर सभी पुरोहितों की उपस्थिति में महामंडलेश्वर स्वामी यतींद्रनंद गिरि महाराज द्वारा वेद मंत्रोच्चारण के साथ कलश स्थापना की गई। स्वामी यतींद्रानंद गिरी महाराज ने कहा कि महारुद्र यज्ञ में भाग लेने से न सिर्फ हमारा तन, मन सब शुद्ध हो जाता है अपितु हमारे आसपास का वातावरण भी शुद्ध होता है। यज्ञ में आहुति डालने से ही भक्तों के जन्मों के कष्ट मिट जाते हैं और मंत्रोंचारण के सुनने मात्र से ही मोक्ष प्राप्ति होती है। कलश यात्रा में सभी महिलाएं एक डेªस कोड़ में नजर आई। कलश यात्रा में रेलवे बोर्ड सदस्य पूजा नंदा, सुदर्शना, रोमा सैनी, बबीता तायल, सारिका, नीलम चैधरी के साथ ही यात्रा की व्यवस्था देख रहे सुभाष सरीन, अक्षय प्रताप सिंह, संजीव ग्रोवर, अरविंद कश्यप, मोहित भारद्वाज, सौरभ सिंघल, नवीन जैन, अनुज आत्रे, बृजमोहन सैनी, प्रदीप वधावन, बिट्टू गुलाटी, प्रदीप सचदेवा, निशांत बिरला, योगेश सिंघल तथा सैकड़ों की संख्या में भक्तों एवं महिला श्रद्धालु शामिमल रहे।

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