रुड़की।  ( आयुष गुप्ता ) केंद्रीय विद्यालय क्रमांक-1 रुड़की में 15 सितंबर 2021 से 29 सितंबर 2022 तक चलने वाले हिंदी पखवाड़े का आज समापन समारोह संपन्न हुआ। प्राचार्य चन्द्र शेखर बिष्ट के मार्गदर्शन में हिंदी पखवाड़ा का सफल आयोजन किया गया।
विद्यार्थियों को संबोधित करते हुए प्राचार्य चन्द्र शेखर बिष्ट ने कहा कि पढने की आदत हम सबको अपने अन्दर विकसित करनी चाहिए। अच्छी किताबें पढने की आदत हमारे व्यक्तित्व को निखारने का काम करती है। व्याकरण तथा उच्चारण किसी भी भाषा के महत्वपूर्ण पहलू होते है। अगर हम सही उच्चारण के साथ बोलेंगे तभी उसको सही लिख भी पाएंगे। हिंदी भाषा की उत्पति, विकास एवं महत्व के बारे में विस्तार से समझाते हुए ये बताया कि किसी भी देश की सभ्यता एवं संस्कृति को जीवित रखने एवं एक सूत्र में बांधने का काम मातृभाषा करती है, जो कि हमारी हिंदी है। इस अवसर पर आज पुस्तकालयाध्यक्ष  पूनम कुमारी द्वारा विद्यालय पुस्तकालय में हिंदी साहित्य के पुस्तकों की प्रदर्शनी आयोजित  की गयी। इस आयोजन के महत्व पर प्रकाश डालते हुए पुस्तकालयाध्यक्ष पूनम कुमारी ने कहा कि ऐसे आयोजनों का मुख्य उद्येश्य विद्यार्थियों तथा शिक्षकों को पुस्तकों के प्रति आकर्षित करना है, ताकि वो अपने पढने की आदत को विकसित कर सकें तथा साहित्य से जुड़ सकें। किताबें हमारी सच्ची मित्र हैं, ये न सिर्फ हमारी दोस्ता बल्कि पथ प्रदर्शक भी हैं और उस वक्त हमेशा हमारे साथ होती हैं, जब हमें इनकी सबसे ज्यासदा जरूरत होती है। हिंदी पखवाड़ा के अंतर्गत परास्नातक हिंदी शिक्षिका संध्या पंवार के निर्देशन में विद्यार्थियों के लिए विविध प्रतियोगिताओं (हिंदी निबंध लेखन प्रतियोगिता, हिंदी भाषण प्रतियोगिता, हिंदी कविता लेखन प्रतियोगिता, हिंदी काव्य पाठ प्रतियोगिता, हिंदी सुलेख प्रतियोगिता, नारा-लेखन प्रतियोगिता, पेंटिंग प्रतियोगिता और हिंदी भाषा सामान्य ज्ञान प्रतियोगिता आदि का आयोजन किया गया, जिनमें विद्यार्थियों ने बढ़ चढ़कर भाग लिया। विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजयी विद्यार्थियों को प्रमाण-पत्र देकर सम्मानित किया गया। हिंदी के महत्व पर प्रकाश डालते हुए उप प्राचार्या श्रीमती अंजू सिंह ने कहा कि बच्चों को अपनी मातृभाषा का अधिकाधिक उपयोग करने एवं इससे गौरवान्वित होने के लिए हमें प्रेरित करना चाहिए। उन्होंने ये समझाया कि किसी भी भाषा में प्रवीणता पाने के लिए एक अच्छे पाठक के साथ अच्छा श्रोता होना भी बहुत जरुरी है। इन कार्यक्रमों के आयोजन में हिंदी शिक्षक-शिक्षिकाओं में संध्या पंवार, संजीव कुमार, संदीप, कल्पना गुप्ता, सुनीता रानी, श्रुति पालीवाल, सुशील, कला शिक्षिका गुलशन खान तथा पुस्तकालयाध्यक्ष पूनम कुमारी का विशेष सहयोग रहा।

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