हरिद्वार। ( बबलू सैनी ) तीर्थनगरी हरिद्वार को गंगानगरी के साथ ही संतों की नगरी भी कहा जाता है। यहां बड़ी संख्या में आश्रम-अखाड़े हैं। यहां संत निवास करते हैं। उत्तरी हरिद्वार व कनखल का संन्यास मार्ग तथा बैरागी कैंप तो सुबह-शाम भगवामय ही संतों के विचरण के कारण दिखाई देता है। जहां हरिद्वार नगरी समय-समय पर लघु भारत के रूप में दिखायी देती हैं वहीं संतों मंे भी अलग-अलग प्रकार के संत यहां विराजमान हैं। कोई अपनी वेशभूषा के चलते प्रख्यात है तो कोई अपनी रंगीन मिजाजी और कोई दिखावे के लिए तो कोई व्यापार में जुटा हुआ है। इतना ही नहीं कोई किसी का लेकर ना देने के लिए प्रसिद्ध है। कोई जमीन कब्जो और कोई आश्रमों पर कब्जा करने के लिए प्रसिद्ध है। कोई नेताओं की दलाली में व्यस्त है तो कोई सैटिंग-गेटिंग में। कई तो ऐसे भी हैं जो कई बच्चों में पिता भी हैं। इसके साथ तपस्या करने वाले भी हैं जिन्हें ना तो कोई जानता है और ना ही पहचानता है और ना ही उनका समाज में कोई सम्मान है। और ना ही उन्हें कोई अपने पास बैठाना पसंद करता है। कारण की वह संत हैं और उनके पास धन का अभाव है। इन सबके बीच एक संत ऐसे जो सोने की तस्करी के लिए मशहूर हैं। हालांकि मूल रूप से यह संत हरिद्वार में निवास नहीं करते किन्तु हरिद्वार में उनका आश्रम है और ये हरिद्वार आते-जाते रहते हैं। संतों में इनकी खासी प्रतिष्ठा भी है।इन्हें मालिश कराने का भी बड़ा शौक है। बावजूद इसके तस्करी जैसे कार्यों में इनकी संलिप्तता रही है।
विशेष सूत्र बताते हैं कि करीब छह माह पूर्व मध्य प्रदेश के एक हवाई अड्डे पर संत के एक खास चेले के पास से भारी मात्रा में कस्टम विभाग ने सोना बरामद किया। उस सोने की कीमत 16 करोड़ रुपये बतायी गई है। सोना लाने वाला व्यक्ति संत का खास है और उसी के पास रहता भी। फिलहाल 16 करोड़ रुपये का सोना कस्टम ने जब्त किया हुआ है। इतना ही नहीं सूत्र बताते हैं कि उक्त संत ने एक प्रसिद्ध देवी मंदिर में खड़े होकर इस बात को स्वीकार किया कि वह सोना उसी का था और उसी के द्वारा तस्करी कर मंगवाया गया था। फिलहाल संत तो बच गया किन्तु उसने अपने चेले को फंसवा दिया। बहरहाल चेले और संत को कुछ होने वाला नहीं है। संत के हाथ काफी लम्बे हैं और वह मामलों को रफा-दफा करने के लिए भी काफी मशहूर है। कई कारनामों को अंजाम देने के बाद भी संत पाक-साफ बचा हुआ है। वैसे यहां आपको बता दें कि ये संत एक अखाड़े के बड़े पदाधिकारी भी हैं।
