रुड़की।  ( बबलू सैनी ) सावन माह में गोगा जाहरवीर महाराज की पूजा-अर्चना शुरू हो गई हैं। इसके लिए जिन लोगों द्वारा अपने शुभ कार्य संपन्न होने पर बागड की जात बोली जाती हैं, उसे पूरा किया जाता हैं। ढोल-नगाड़ों के साथ प्याज और चने का प्रसाद चढ़ाया जाता हैं तथा भगवान गोगा जाहरवीर महाराज की पूजा होती हैं। इसी कड़ी में झबरेड़ी कलां में एक युवक द्वारा अपनी मन्नत पूरी होने पर बागड़ यात्रा शुरू की गई। इसके लिए उन्हें अपने आस-पास के क्षेत्रों/गावों में नंगे पांव घूमकर परिक्रमा की जाती हैं और प्रसाद वितरण होता हैं। पिछले दो वर्षों में कोरोना काल के कारण सभी धार्मिक कार्य बंद थे, उनमें यह यात्रा भी बंद की गई थी। जो अब सुचारू हो गई हैं। इस यात्रा में बड़ी संख्या में महिलाएं व पुरूष भाग लेकर बाबा गोगा जाहरवीर का प्रसाद ग्रहण करते हैं, जो व्यक्ति सच्चे मन से श्रद्धापूर्वक गोगा जाहरवीर की पूजा-अर्चना करता हैं, उसके सभी दुःख दूर होते हैं। इस मौके पर सुमित कोरी, अजय कुमार, मोहित कोरी, टीकू कोरी, सोमवीर सिंह आदि मौजूद रहे।

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