रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) कांग्रेस पार्टी के कद्दावर नेता एवं पूर्व राज्यमंत्री डाॅ. गौरव चौधरी ने मीडिया से वार्ता के दौरान कहा कि सदन में जिस प्रकार से विधायक विनोद चमोली व किशोर उपाध्याय ने आचरण किया, वहां मूल निवास का मुद्दा उठाकर विधायक सहजाद ने मूल निवास प्रमाण पत्र की पैरवी की, हम उत्तराखंड के निवासी है, अस्थाई निवास प्रमाण पत्र नहीं, बल्कि मूल निवास चाहिए। जिसका विधायक रवि बहादुर, वीरेंद्र जाति ने समर्थन किया। उन्होंने कहा कि 1985 को लेकर, जो सरकार की नियमावली बनी है, उस पर चलिए। जिन लोगों को इसमें दिक्कत है, उसमें संशोधन करिए। लोगों की समस्याओं का समाधान करें, भेदभाव की नीति ठीक नहीं है। ऐसा कार्य करें जिससे सभी के लिए व्यवस्था बने। विनोद चमोली व किशोर उपाध्याय सीनियर विधायक हैं, उनकी इस प्रकार की भाषा उन्हें शोभा नहीं देती। एक सवाल के जवाब उन्होंने कहा कि पानी ऊपर की ओर नहीं बल्कि नीचे की ओर जाता है। मर्यादा का ध्यान रखना चाहिए। ऐसी बातें करें जिसका कोई मायने हो। डाॅ. गौरव चौधरी ने कहा कि सन् 2000 से पहले हम सभी लोग उत्तर प्रदेश में निवास करते थे, लेकिन प्रदेश का विभाजन होने के बाद अब हम सब उत्तराखंड के मूल निवासी हैं। इसमें किसी को कोई संशय नहीं होना चाहिए। पहाड़ में मैदान की खाई कहां से आ गई। यह सोचनीय प्रश्न है। उन्होंने कहा कि सदन में जिस प्रकार का व्यवहार किया गया, गलत भाषा इस्तेमाल की गई, उसके लिए दोनों विधायक खेद प्रकट करें। साथ ही डाॅक्टर गौरव चौधरी ने कहा कि केंद्र व राज्य में भाजपा की सरकार है, वह इस पर मंथन कर सभी समस्याओं का हल निकाल सकती है। सबसे बड़ी बात यह है कि जिस प्रकार से दोनों विधायकों ने ब्यानबाजी की, उससे हरिद्वार की जनता में आक्रोश फूट रहा है और वह इसके विरोध में रणनीति बनाकर सड़कों पर भी आ सकती है।
विधायक विनोद चमोली व किशोर उपाध्याय के ब्यान की पूर्व राज्यमंत्री डॉ. गौरव चौधरी ने की कड़ी निंदा










