रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) कृषि मौसम परामर्श सेवाओं का प्रमुख उद्देश्य अनुकूल मौसम के पूर्वानुमान से कृषि लागत को कम करना तथा प्रतिकूल मौसम के दुष्प्रभाव से फसल उत्पादन की क्षति में कमी लाना है। उक्त बातें आईआईटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभाग में संचालित ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना द्वारा कृषि मौसम परामर्श सेवाओं के प्रति किसानों को जागरूक करने के उद्देश्य से आयोजित किसान जागरूकता कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए भारत मौसम विभाग के महानिदेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने बतौर मुख्य अतिथि कही। उन्होंने बताया कि देश में प्रतिवर्ष लगभग 2500 व्यक्तियों को आकाशीय बिजली के कारण असमय जान से हाथ गंवाना पड़ता है। इसके लिए किसान भाइयों के साथ-साथ आम जनमानस ‘दामिनी’ मोबाइल एप का उपयोग करके आकाशीय बिजली गिरने की सूचना पहले से प्राप्त कर सकते हैं। इस अवसर पर डॉ. महापात्रा ने कृषि मौसम प्रक्षेत्र इकाई रुड़की द्वारा
प्रकाशित तकनीकी पुस्तिका ‘टूल्स फॉर प्रिपरेशन ऑफ एग्रोमेट एडवाइजरी बुलेटिन्स’ का लोकार्पण भी किया। ग्रामीण कृषि-मौसम सेवा परियोजना के तकनीकी अधिकारी डॉ. अरविन्द कुमार ने बताया कि इस टूल्स में हरिद्वार जनपद में बोई जाने वाली प्रमुख रबी व खरीफ फसलों सहित खाद्यान्न, दलहनी, तिलहनी, औद्यानिक, मत्स्यिकी, मुर्गीपालन व पशुपालन के बारे में मौसम के अनुकूल रोग व कीट के बारे में जानकारी प्रदान की गई है, जो कृषि मौसम परामर्श बुलेटिन तैयार करने में सहायक सिद्ध होगी। कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए आईआईटी रुड़की के डीन स्रिक प्रो. अक्षय द्विवेदी ने कहा कि कृषि मौसम परामर्श सेवाओं को जनपद के प्रत्येक किसान तक तकनीक के माध्यम से सुगमता से उपलब्ध कराने के लिए आईआईटी रुड़की सदैव तत्पर है। इस कार्य में जो भी तकनीकी मदद की आवश्यकता होगी, उसे प्रदान करना हमारी प्राथमिकता में होगा। इससे पहले ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के नोडल अधिकारी तथा जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभागाध्यक्ष प्रो. आशीष पाण्डेय ने प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कृषि मौसम प्रक्षेत्र इकाई रुड़की द्वारा कृषि मौसम परामर्श सेवाओं के बारे में किये जा रहे प्रयासों पर विस्तार से जानकारी प्रदान किया। कार्यक्रम को कृषि विज्ञान केन्द्र धनौरी हरिद्वार के हेड डॉ. पुरुषोत्तम कुमार तथा मुख्य कृषि अधिकारी डॉ. विजय देवरारी ने भी सम्बोधित किया। कार्यक्रम में प्रगतिशील कृषक जयपाल सिंह सैनी, भू-अमृत किसान उत्पादक संगठन के निदेशक गुरविंदर सिंह तथा मुख्य कार्यकारी अधिकारी नवीन कुमार, इफको मुख्य प्रक्षेत्र प्रबंधक हरिद्वार डॉ. राम भजन सिंह सहित किसानों की जिज्ञासाओं का डॉ. महापात्रा ने संवाद सत्र में समाधान भी प्रस्तुत किया। कार्यक्रम का संचालन प्रो. कृतिका कोठरी तथा आभार ज्ञापन प्रो. आशीष पाण्डेय ने प्रस्तुत किया।