रुड़की।  ( आयुष गुप्ता ) आईआईटी रुड़की के जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभाग में संचालित ‘ग्रामीण कृषि-मौसम सेवा परियोजना’ द्वारा हरिद्वार जनपद के नारसन ब्लॉक अंतर्गत ‘ठसका’ गाँव में किसान जागरूकता कार्यक्रम आयोजित कर किसानों को कृषि मौसम परामर्श सेवाओं के बारे में जागरूक किया गया।
कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए परियोजना के नोडल अधिकारी प्रो. आशीष पाण्डेय ने कहा कि किसान अपने कृषि कार्यों में कृषि मौसम परामर्श सेवाओं का उपयोग करके न सिर्फ लागत को कम कर सकते हैं, बल्कि खेती से उत्पादन व आमदनी में भी वृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने बताया कि तकनीक के माध्यम से मौसम सेवाओं को जनपद के प्रत्येक किसान तक पहुँचाना कृषि-मौसम प्रक्षेत्र इकाई रुड़की की प्राथमिकताओं में है। इसके लिए हर सम्भव प्रयास किया जा रहा है। किसान जागरूकता कार्यक्रम में किसानों के साथ संवाद कार्यक्रम भी आयोजित किया गया। संवाद कार्यक्रम में जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभाग में प्राध्यापक प्रो. बसंत यादव तथा प्रो. कृतिका कोठरी सहित वक्ताओं द्वारा किसानों की जिज्ञासा का समाधान भी प्रस्तुत किया गया। कृषि मौसम प्रक्षेत्र इकाई द्वारा मौसम सेवाओं के बारे में किसानों का फीडबैक भी एकत्रित किया गया। किसान जागरूकता कार्यक्रम की अध्यक्षता वरिष्ठ किसान जयपाल सिंह सैनी तथा संचालन ग्रामीण कृषि मौसम सेवा परियोजना के तकनीकी अधिकारी डॉ. अरविन्द श्रीवास्तव ने किया। किसान जागरूकता कार्यक्रम में प्रक्षेत्रा भ्रमण पर आये हुए जल संसाधन विकास एवं प्रबन्धन विभाग के एम.टेक. एवं पी-एचडी विद्यार्थियों ने भी प्रतिभाग किया। नेपाल से एम.टेक. विद्यार्थी छविराज जैशी तथा उत्तर-पूर्व अप्रफीकन देश इरिट्रिया के छात्र एबल डब्ल्यू0 जेना ने किसानों सेकृकृषि-मौसम परामर्श सेवाओं से होने वाले लाभ, उनके उपयोग की विधि व मौसम सेवाओं से जुड़े अन्य विषयों पर उनकी राय जानी। किसान जागरूकता कार्यक्रम में झबरेड़ा से योगेंद्र पाल सैनी, ठसका से जितेन्द्र कुमार सैनी, ठाकुर कुशल पाल सिंह, ओम प्रकाश सैनी, डॉ. राजेंद्र, कुलदीप चौहान तथा नगला ऐमाद से जयपाल सिंह सैनी सहित किसान उपस्थित रहे। कार्यक्रम के अन्त में किसान जागरूकता कार्यक्रम के आयोजक कृषक राम भूल द्वारा किसानों व अतिथियों का धन्यवाद ज्ञापित किया।

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