रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) स्वामी दर्शनानंद महाराज ने कहा कि देवभूमि उत्तराखंड हिंदू धर्म का उद्गम स्थल है, इसकी अनंत अनादि परंपराओं को बचाने तथा इसकी रक्षा के लिए हमें संकल्पित होना पड़ेगा। देहरादून से आते समय स्वामी दर्शनानंद महाराज कुछ समय के लिए आदर्श नगर स्थित उमेश प्रधान के आवास पर रुके, जहां उन्होंने अपने उद्गार व्यक्त करते हुए कहा कि जहां उत्तराखंड को देश-विदेश में देवभूमि के नाम से जाना जाता है, वहीं यह हिंदू धर्म की उद्गम भूमि है। यहां से निकलने वाली गंगा की पावन धारा और शिवलोक हमारे सनातनी धर्म की पहचान है, यदि इसकी अनंत अनादि परंपराओं पर कुठाराघात हुआ, तो उसे किसी सूरत में स्वीकार नहीं किया जाएगा। आज उत्तराखंड के गैर हिन्दूओं की गतिविधियों के चलते देव भूमि उत्तराखंड की गरिमा को हानि पहुंचाई जा रही है। उन्होंने कहा कि वह किसी धर्म संप्रदाय के विरोधी नहीं है, किंतु यदि उनकी आस्था और पवित्रता को भंग करने का प्रयास किया गया, तो उसका मुंहतोड़ जवाब दिया जाएगा। इससे पूर्व यहां पहुंचने पर उनका गर्मजोशी से स्वागत किया गया। इस अवसर पर देवभूमि रक्षा अभियान के स्वामी आदि योगी महाराज, दिलबर सिंह रावत, सतीश नेगी, हरीश शर्मा, विक्की पंडित, अंकुश पंडित, विशाल गोस्वामी, सौरभ धीमान, सुमित गोस्वामी, मोहित गोस्वामी आदि मौजूद रहे।

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