रुड़की।  ( आयुष गुप्ता )
आज नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर पार्षदों ने भ्रष्टाचार, मनमानी व विकास अवरूद्ध करने को लेकर नगर निगम का पुतला दहन किया। पार्षदों का आरोप है कि जबसे नगर आयुक्त का चार्ज भगवानपुर एसडीएम को मिला है, तभी से नगर निगम का विकास कार्य ठप्प हो गया है। साथ ही पार्षदों का कहना है कि विकास कार्यों से संबंधित टेंडर निरस्त करने, पथ प्रकाश, साफ सफाई आदि कार्य नहीं हो रहे हैं। जिसका खामियाजा आमजन को भुगतना पड़ रहा है। नगर निगम की ओर से आश्वासन मिलता है, लेकिन धरातल पर कोई काम नहीं हो रहे हैं। जबकि पचास लाख से होने वाले काम भी ठप्प पड़े है।
आज नगर निगम परिसर स्थित नगर आयुक्त कार्यालय के बाहर प्रदर्शन के दौरान पार्षद पंकज सतीजा व चारु चंद्र ने कहा कि हाल ही में नगर निगम द्वारा विकास कार्यों के टेंडर किए गए थे, लेकिन अज्ञात कारणों के चलते उन्हें निरस्त कर दिया गया। उन्होंने कहा कि जल्द ही पार्षदों का कार्यकाल खत्म होने वाला है, वह चाहते हैं कि इससे पहले वार्ड में रुके हुए जरूरी विकास कार्य पूरे हो जाएं, लेकिन टेंडर निरस्त होने से विकास कार्य अटक जायेंगे। पार्षद पंकज सतीजा ने कहा कि वार्डों में आधी से ज्यादा स्ट्रीट लाइटें बंद पड़ी है, साफ – सफाई व्यवस्था भी दुरुस्त नहीं है लेकिन निगम अधिकारी पार्षदों की सुनने को तैयार नहीं है। पार्षद नितिन त्यागी ने 130 टेंडरों में घोटालों का आरोप लगाया और निगम अधिकारियों की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए। जो तर्क निरस्तीकरण का नगर आयुक्त ने दिया, उस पर उन्होंने पूर्व के सत्रह टेंडरों को भी निरस्त करने की मांग की। पार्षदों ने नगर आयुक्त को पांच सूत्रीय मांगों को लेकर ज्ञापन सौंपा, जिसमें वार्डों की पथ प्रकाश व्यवस्था के लिए नई लाइटें लगाए जाने की मांग, सफाई व्यवस्था हेतु कर्मचारी व्यवस्था, वार्डों के अनिवार्य विकास कार्य को तत्काल प्रभाव से एजेंसी के माध्यम से कराए जाने की मांग, निरस्त किए गए टेंडर प्रक्रिया यथाशीघ्र करवाए जाने की मांग और वार्डों में मौजूद आवारा कुत्तों की समस्याओं का निस्तारण करवाने की मांग की। जिस नगर आयुक्त जितेंद्र कुमार ने टेंडर के अलावा कई समस्याओं के समाधान का आश्वासन दिया। साथ ही कहा कि नगर के विकास को लेकर प्रयास जारी है। जबकि लाइटों की व्यवस्था भी की जा रही है। इस अवसर पर पार्षद प्रमोद पाल, मयंक पाल, धीरज, सचिन, चारु चंद्र, पंकज सतीजा, बेबी खन्ना, नितिन त्यागी आदि मौजूद रहे।

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