रुड़की। ( बबलू सैनी )  पैथोलॉजी जांच रिपोर्ट गलत देने को चिकित्सा सेवा में कमी मानते हुए जिला उपभोक्ता आयोग ने बीमित दोषी चिकित्सक की ओर से बीमा कंपनी को आदेश दिया है कि वह पीड़ित उपभोक्ता को उसका उपचार खर्च अंकन 1,02,840 रुपये मय 6 प्रतिशत वार्षिक ब्याज व क्षतिपूर्ति -वाद खर्च के रुप में अंकन 10 हजार रुपये एक माह के अंदर अदा करें। उपभोक्ता मामलों के वरिष्ठ अधिवक्ता श्रीगोपाल नारसन ने बताया कि रुड़की रामनगर निवासी निशा दुआ ने 9 नवंबर सन 2019 को जी मिचलाहट होने पर नायशा नर्सिंग होम में डॉ. नवीन खन्ना को दिखाया, तो उन्होंने खुशी पैथोलॉजी लेबोरेटरी से पैथलॉजिकल जांच कराई, जिसमे स्क्रब टाइफस पॉजिटिव होना दर्शाया और रोगी में शुगर बढ़ी होने के साथ ही डेंगू बुखार के लक्षण बता दिए, जबकि रोगी को बुखार की कोई शिकायत नही थी। उक्त रिपोर्ट के आधार पर उपचार करने से निशा दुआ की हालत बिगड़ गई। रिपोर्ट में संदेह होने पर मेट्रो हॉस्पिटल  की पैथ लेब में पुनः उक्त जांच कराई तो दिनांक 10 नवंबर सन 2019 की रिपोर्ट में स्क्रब टाइफस निगेटिव आया। जिससे स्पष्ट है कि पूर्व की जांच गलत थी। इसी आधार में चिकित्सीय सेवा में कमी को लेकर जिला उपभोक्ता आयोग में निशा दुआ ने 24 जनवरी सन 2020 को शिकायत की। विचारण के दौरान जिला आयोग के अध्यक्ष कंवर सैन, सदस्यगण अंजना चड्ढा व विपिन कुमार ने गलत पैथोलॉजिकल जांच के लिए खुशी पैथोलॉजी लेबोरेटरी के चिकित्सक को दोषी माना चूंकि, उनके द्वारा अपना व्यवसायिक बीमा दि ओरियंटल इंश्योरेंस कंपनी से कराया हुआ था, इसलिए चिकित्सा सेवा में कमी के लिए चिकित्सक की ओर से बीमा कंपनी को उपचार खर्च मय ब्याज व क्षतिपूर्ति तथा वादखर्च का भुगतान करने का पफैंसला सुनाया।

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