रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
चिकित्सा के क्षेत्र में अपनी बेहतर सुविधाएं मुहैया कराने के लिए प्रसिद्ध मैक्स हॉस्पिटल की ओर से रुड़की शहर के लिए बड़ी सुविधा उपलब्ध कराई जा रही हैं। मैक्स इंस्टिट्यूट ऑफ कैंसर केयर वैशाली (गाजियाबाद) ने आज रुड़की के विनय विशाल में अपनी यूरो सर्जिकल ऑन्कोलॉजी की ओपीडी सेवा शुरू कर दी है। ये ओपीडी गांधीनगर स्थित शहर के विनय विशाल हेल्थ केयर के साथ मिलकर शुरू की गई है।
मैक्स इंस्टिट्यूट ऑफ कैंसर केयर, वैशाली में यूरो-सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर हर्षित गर्ग के नेतृत्व में ओपीडी सेवाओं को शुरू किया गया है।
आज विनय विशाल हॉस्पिटल में पत्रकारों से वार्ता करते हुए डॉक्टर हर्षित गर्ग ने बताया कि हर महीने के तीसरे शुक्रवार को दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक किडनी कैंसर, प्रोस्टेट कैंसर, मूत्राशय कैंसर, टेस्टिकुलर कैंसर और पेनाइल कैंसर सहित विभिन्न मूत्र संबंधी कैंसर से जुड़े मरीजों को प्राथमिक परामर्श उपलब्ध कराया जायेगा। कैंसर केयर वैशाली में यूरो-सर्जिकल ऑन्कोलॉजी और रोबोटिक सर्जरी के सीनियर कंसल्टेंट
डॉक्टर हर्षित गर्ग ने बताया कि पारंपरिक प्रक्रिया की तुलना में रोबोटिक यूरोलॉजिकल सर्जरी बेहद लाभकारी सिद्ध ही रही है। रोबोटिक तकनीक ने यूरोलॉजी से जुड़े मामलों में बेहतर परिणाम दिए है। प्रोस्टेट सर्जरी में भी तेजी आई है, जिससे सर्जनों को आसपास की संरचनाओं को संरक्षित करते हुए कैंसर टिशू को ठीक से हटाने में मदद मिली है। इस तकनीक से इरेक्टाइल डिस्फंक्शन और मूत्र से जुड़ी अन्य समस्याओं के खतरें में भी कमी आई है। किडनी कैंसर के मामले में रोबोटिक तकनीक से बड़े ट्यूमर से प्रभावित गुर्दे को पूरी तरह से हटा दिया जाता है और छोटे मामलों में इससे सिर्फ ट्यूमर को हटाया जाता है। मूत्राशय यानी ब्लैडर की सर्जरी में, कॉम्प्लेक्स रिकंस्ट्रक्शन के साथ ही ब्लैडर हटाने में भी इससे मदद मिलती है। डॉक्टर ने इस बात पर जोर दिया कि यूरोलॉजिकल कैंसर से मूत्र प्रणाली को प्रभावित करने वाली विकृतियां भी पैदा होती हैं। ऐसे में समय पर इलाज के लिए शुरुआती लक्षणों को पहचानना महत्वपूर्ण है। अगर किसी मूत्र में ब्लड (हेमाट्यूरिया) आता हो, लगातार पीठ के निचले हिस्से या पेल्विक में दर्द हो, मूत्र की स्पीड में बदलाव या मूत्र करने में कठिनाई हो और बिना किसी कारण के वजन कम हो रहा है, तो ये कैंसर के संकेत हो सकते हैं। इसके अलावा, ऐसे लोगों को थकान, पेल्विक क्षेत्र में गांठ या सूजन, या बार-बार यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन हो सकता है। इन संकेतों की पहचान करने में सावधानी बरतना बेहद जरूरी है और बीमारी के सटीक डायग्नोज के लिए तुरंत डॉक्टर को दिखाना चाहिए। रोबोटिक तकनीक के आने से सर्जनों को ज्यादा सटीकता और निपुणता के साथ काम करने में मदद मिली है। मैक्स इंस्टिट्यूट ऑफ कैंसर केयर, वैशाली ने रुड़की में अपनी यूरो-सर्जिकल ऑन्कोलॉजी सेवाओं को प्रारंभ किया है, जिससे आसपास के लोगों को एडवांस मेडिकल केयर मिलेगी। इस दौरान अन्य कई चिकित्सक मौजूद रहे।