रुड़की।  ( बबलू सैनी ) भाकियू (भानु) के पदाधिकारियों व कार्यकर्ताओं ने आज रुड़की तहसील स्थित ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर सरकार के खिलाफ धरना प्रदर्शन कर अपनी विभिन्न मांगों को लेकर मुख्यमंत्री के नाम एक ज्ञापन एएसडीएम को सौंपा। जिसके बाद रुड़की के प्रशासनिक भवन में किसानों ने विभिन्न समस्याओं को लेकर बैठक में चर्चा भी की।
भारतीय किसान यूनियन (भानु) के राष्ट्रीय महासचिव नितिन चौधरी के नेतृत्व में सैकड़ों की तादाद में यूनियन के कार्यकर्ताओं ने रुड़की तहसील स्थित ज्वाइंट मजिस्ट्रेट कार्यालय के बाहर विभिन्न मांगों को लेकर सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया। साथ ही एक ज्ञापन मुख्यमंत्री के नाम एएसडीएम विजय नाथ शुक्ला को सौंपा। मुख्यमंत्री के नाम दिए गए ज्ञापन में कहा गया है कि किसानों को फसलों का उचित मूल्य मिले, व सरकार एमएसपी तय करें। इस प्रक्रिया में किसान प्रतिनिधि सम्मिलित किए जाएं, 60 वर्ष आयु पूर्ण करने वाले किसानों की मासिक पेंशन एक हजार देने की व्यवस्था होनी चाहिए, किसानों को फसल बीमा सुविधा दी जाए, किसानों को 30 प्रतिशत से कम फसल नुकसान का मुआवजा दिया जाए, किसानों के ट्यूबवैल के पुराने बिल पूरी तरह माफ हो और बिजली की दरों में कटौती की जाए, क्योंकि किसान मजदूर इसको देने में असमर्थ हैं। किसानों के लिए यूरिया खाद की संपूर्ण मात्रा में आपूर्ति की जाए, किसानों के बैंकों के कर्ज माफ किया जाए, शुगर मिलों के द्वारा किसानों को जो परेशान किया जा रहा है, उसका निस्तारण तत्काल किया जाए, समय से गन्ने का भुगतान होना व शुगर मिल परिसर में किसानों को मूलभूत सुविधाओं की उचित व्यवस्था मिल प्रबंधक द्वारा दी जाए। किसानों द्वारा एसडीएम को ज्ञापन सौंपने के बाद एक बैठक रुड़की के प्रशासनिक भवन में भी विभिन्न मुद्दों को लेकर आयोजित की गई, जिसमें किसानों ने कहा कि उत्तराखंड सरकार हरिद्वार जिले के ग्रामीण इलाकों से सौतेला व्यवहार कर रही है। बैठक को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय महासचिव नितिन चौधरी व बैठक की अध्यक्षता कर रहे राम सिंह और संचालन कर रहे सुधांशु चौधरी ने कहा कि सरकार ग्रामीण क्षेत्रों का विकास करना नहीं चाहती। इसी कारण सरकार उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में होने वाले त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव को नहीं करवा रही है। जिस कारण ग्रामीण इलाकों का विकास कार्य रुका हुआ है। कहा कि सरकार उत्तराखंड के हरिद्वार जिले में पंचायत चुनाव करवाएं, जिससे किसान यूनियन अपने प्रतिनिधियों को चुनाव में उतार कर किसानों के हितों की लड़ाई लड़ने का काम कर सके। सरकार द्वारा जो प्रशासनिक अधिकारी ग्रामीण इलाकों के ब्लॉक प्रमुख कार्यालय में नियुक्त किए गए हैं। वह अधिकारी अपना फायदा देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि बिजली विभाग और बैंक वाले किसानों की आरसी नहीं काटेंगे और ना ही किसानों का उत्पीड़न झूठी बिजली की रिपोर्ट करेंगे। उन्होंने कहा कि गन्ने का भुगतान 14 दिन के बाद ब्याज सहित देना चाहिए। इकबालपुर शुगर मिल का पिछले सालों का गन्ना मूल्य भुगतान किसानों का बकाया पड़ा है, उसे जल्द से जल्द कराया जाए। उन्होंने कहा कि यदि सरकार हमारी मांगों को जल्द से जल्द पूरा नहीं करती, तो आने वाले समय में उनका संगठन हरिद्वार जिले के जिलाधिकारी के कार्यालय का घेराव करेगा, जिसका जिम्मेदार शासन व प्रशासन होगा। इस अवसर पर परविंदर चौधरी, अखलाक, तालिब, कमल नारायण, कुर्बान अली, समीर, प्रवीण चौधरी, कुशल पाल, देवेश राणा, पहल सिंह, अंकित, राजेश, एके त्यागी, योगेश गुर्जर, रजनीश त्यागी, अभिनव, शाहिद, तौकीर, सोनू मुखिया, उमेश त्यागी, शादाब त्यागी, नीरज चौधरी, बबलू, राजा सैनी, समीर, आसिफ, अमीर, अकील, मुराद, समीर, नदीम, राव यूनुस राजपूत शामिल रहे। वहीं भाकियू (अ) छोड़कर भाकियू (भानु) में शामिल होने वाले किसानों में एके त्यागी, योगेश कुमार गुर्जर, राजा सैनी, कपिल गुर्जर, सुंदर सिंह, अमित कुमार, कुलदीप सिंह, अभिनव कौशिक, रजनीश कुमार त्यागी, उमेश त्यागी, विकास त्यागी, सिद्धार्थ त्यागी, शाहिद त्यागी, दानिश त्यागी आदि शामिल रहे।

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