रुड़की। भारत ने 50 साल पहले 16 दिसम्बर को बांग्लादेश को आजाद कराया। ढाका को पाकिस्तानी सिपाहियों के घेराबन्दी के बावजूद पूर्वी पाकिस्तान में 93,000 पाकिस्तानी सैनिकों से भारत ने आत्म समर्पण कराया। शहीदों को श्रद्धांजली अर्पण करने के लिए बंगाल अभियंता समूह एवं केन्द्र द्वारा हर साल 16 दिसम्बर को विजय दिवस मनाया जाता है। 1971 युद्ध की विजय तथा मातृ भूमि पर अपने प्राण न्योछावर करने वाले शहीदों की याद में इसे मनाया जाता है। इस अवसर पर समूह के युद्ध स्मारक पर रीथ चढ़ाई जाती है बंगाल सैपर्स ने 1971 के ऑप्रेशन में सक्रिय भाग लिया था और इस ऑप्रेशन में कई समाघात अभियंता कार्यों को निभाया गया। बंगाल सैपर्स ने अपनी शौर्य गाथा के अनुरूप विश्व युद्ध कल से अब तक का सबसे लम्बा फ्लोटिंग ब्रिज बनाया। बंगाल सैपर्स को तीन थियेटर ओनर, दो वीर चक्र, 14 मेंशन इन डिसपच और आठ सेना मेडल से नवाजा गया। अपने अदम्य साहस और मातृ भूमि पर मिटने के लिए हमेशा तत्पर बंगाल सैपर्स को बहादुरी पुरुस्कारों से भी अलंकित किया गया। इनमें मुख्य रुप से मेजर सुरेन्द्र वत्स और सेकेंड लेफ्टिनेंट पी एस चीमा थे।