रुड़की।
अरुण सैनी को चार साल बाद न्यायालय से आखिरकार न्याय मिल ही गया। 17 सितंबर 2017 को अरुण सैनी के निवास पर हमला करने वाले हीरो मोटोकॉर्प हरिद्वार के दो कर्मचारियों को न्यायालय ने मुख्य आरोपी बनाकर तलब किया।


17 सितंबर 2017 को हीरो मोटोकॉर्प में काम करने वाले दो कर्मचारी सुमित कुमार पुत्र सुशील कुमार निवासी ग्राम लालूखेड़ी जिला मुजफ्फरनगर एवं अमित कुमार पुत्र वेद प्रकाश निवासी फतेहपुर यमुनानगर, हाल निवासी शिव विहार कॉलोनी बहादराबाद ने

अरुण पुत्र स्वर्गीय चंद्रपाल सैनी निवासी ग्राम सलेमपुर राजपूताना के घर पर हमला किया था। जिसमें अरुण की अनुपस्थिति में हीरो के दो कर्मचारियों द्वारा परिवार के साथ गाली गलौज, मारपीट व जान से मारने की धमकी दी गई थी।
जिसकी रिपोर्ट स्वर्गीय चंद्रपाल सैनी द्वारा थाना कोतवाली गंगनहर रुड़की में दर्ज कराई गई थी लेकिन पुलिस व हीरो मोटोकॉर्प की आपस में सांठगांठ के चलते विवेचक द्वारा प्रथम सूचना रिपोर्ट पर क्लोजर रिपोर्ट लगा दी गई थी, जिसके बाद स्वर्गीय चंद्रपाल सैनी ने क्लोजर रिपोर्ट को न्यायालय के समक्ष चुनौती दी और अपना साक्ष्य न्यायालय के समक्ष प्रस्तुत किया।

न्यायालय के सम्मुख दिए गए साक्ष्य के आधार पर घटना से जुड़े तथ्यों की विवेचना के अनुसार रुड़की न्यायालय ने मुख्य एवं असली आरोपी हीरो मोटोकॉर्प के कर्मचारी सुमित कुमार व अमित कुमार को अपर सिविल जज एवं एसीजेएम रुड़की द्वारा भारतीय दंड संहिता की धारा 452, 323, 354, 504, 506 में तलब कर लिया और घटना के लगभग 4 साल बाद अरुण को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है। क्योंकि मुख्य अभियुक्तों को कोर्ट में मुलजिम बना लिया गया है। अरुण सैनी को यह भी पीड़ा है कि मुख्य आरोपी होने के बाद भी सुमित कुमार व अमित कुमार हीरो मोटोकॉर्प कंपनी हरिद्वार में कार्य कर रहे हैं और निर्दोष अरुण को कंपनी ने 4 साल से बाहर निकाल रखा है। अरूण अपनी नौकरी पाने के लिए दर-दर की ठोकरें खा रहा है। परंतु लोकतंत्र में न्यायालय तीसरा स्तंभ है और सरकार तथा कानून की विफलता के बाद न्यायालय से लोगों को उम्मीद होती है और एक बार फिर सरकार और पूंजीपति न्यायालय के समक्ष बोने साबित हुए हैं।

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