रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग एवं नेशनल मैडिकोज आॅर्गेनाइजेशन, देहरादून के आहवान पर अन्तर्राष्ट्रीय मानवाधिकार दिवस पर नेशनल कन्या इण्टर काॅलेज खानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई एवं राष्ट्रीय छात्र सेना जूनियर व सीनियर ग्रुप के संयुक्त तत्वाधान में बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों के मानवाधिकारो की रक्षा के लिये संकल्प कार्यक्रम आयोजित किया गया। उत्तराखण्ड बाल संरक्षण आयोग की अध्यक्ष डाॅ. गीता खन्ना ने छात्र-छात्राओं को सम्बोधित करते हुये कहा कि भारतवर्ष हमेशा से अंहिसा, सर्वधर्म सम्मान का पक्ष धर रहा है और किसी भी देश में धर्म के आधार पर होने वाले अत्याचारों, अनैतिक व्यवहार की निंदा करता है। काॅलेज प्रबंधक डाॅ. घनश्याम गुप्ता ने कहा कि चार महीने से बांग्लादेश का अल्पसंख्यक समुदाय लगातार हिंसा का सामना कर रहा हैं। हजारांे लोगों की हत्याएं, महिलाओं पर अत्याचार और घरों को जलाने जैसी जघन्य घटनायें हर रोज हो रही हैं। प्रधानाचार्य बलराम गुप्ता ने कहा कि वैश्विक समुदाय इस संकट पर ध्यान दें। भारत एक ऐसा देश है जिसके मूल में मानवाधिकारों की अवधारणा है। भारत ने संस्कृति या अन्य कारकों के आधार पर दूसरों को अपने अधीन करने की कोशिश नही की। कैप्टन रविन्द्र कुमार ने कहा कि सयुंक्त राष्ट्र महासभा द्वारा मानवाधिकारों की सार्वभूमिक घोषणा को अपनाने का कार्य करना चाहिये। एन0सी0सी0 अधिकारी डाॅ. पारस कुमार ने कहा कि मानव अधिकारों के लिए सजगता एवं सतर्कता अति आवश्यक है। कार्यक्रम अधिकारी मीनू यादव ने कहा कि मानव हितों की रक्षा सुनिश्चित करने के लिए समाज के प्रत्येक नागरिक को आगे आना चाहिए। छात्र-छात्राऐं रिया, राजिया, दिपिका, साक्षी, छवि, जिज्ञासा, तनिका, अनुष्का, तन्नू, ईशा गोयल, रितिका, खुशबू, अशंुराज, तनवी, विशाखा, आंचल, परी, हिमांशु, मुस्कान आदि ने भी अपने-अपने विचार रखे। इस अवसर पर प्रमोद कुमार शर्मा, मुकेश कुमार, सविता धारीवाल, पंकज कुमार, मीनाक्षी, विजय कुमार, कुशमणि चैहान, सुधा रानी, अंजुली गुप्ता, बबीता देवी, डाॅ. रंजना, नूतन, रूबी देवी, अमित कुमार, विशाल कुमार, बृजपाल, सुन्दर, अशोक कुमार, जावेद आदि मौजूद रहे।