रूड़की। ( आयुष गुप्ता )
लाठरदेवा शेख स्थित दारुस्सलाम मदरसे में आगामी 6 मार्च को इजलास (जलसे) का आयोजन होने जा रहा है, जिसका मुख्य उद्देश्य दीनी तालीम और सामाजिक तालीम से मुस्लिम समाज की युवा पीढ़ी को जोड़ना और जागरूक करना है।
आज लाठरदेवा शेख स्थित मस्जिद प्रांगण में पत्रकारों से वार्ता करते हुए उन्होंने बताया कि कुछ लोग आज डिबेट के नाम पर हिंदू-मुस्लिम धार्मिक एकता को भड़का कर देश का माहौल खराब कर रहे हैं, यह सिर्फ एक राजनीतिक षड्यंत्र है। हम सभी की जिम्मेदारी है कि सार्वजनिक डिबेट में धार्मिक मुद्दों पर बहस ना हो, इससे जहां आपसी सौहार्द बिगड़ता है, वही हिंदू मुस्लिम एकता पर भी कुठाराघात होता है। उन्होंने कहा कि इस देश को संवारने और संजोने में हिंदू और मुस्लिम ने मिल-जुलकर संघर्ष किया। आज उसी संघर्ष को हम फिर से आपस में लड़ाई झगड़ा कर बेकार नहीं कर सकते। कहा कि मदरसों को कायम करने की जो मक़ासिद है, उनको बयान करना मकसद है, उम्मद तक पहुंचाना मकसद है। मदरसों को लेकर जो बेबुनियाद आरोप और डिबेट होती है, वह गलत है, ऐसा नहीं होना चाहिए और बिना किसी तहक़ीद किए तरह-तरह के इल्जाम लगाना भी बेबुनियाद और गलत है। उन तक मदरसा इस्लामिया का पैगाम पहुँचे, कहा कि उन लोगों तक इस इजलास के माध्यम से एक ही संदेश देने का उद्देश्य है कि मदरसे मुस्लिम समाज की युवा पीढ़ी को सशक्त और मजबूत बनाते हैं, वह मुस्लिम धर्म को जानने का अवसर देते हैं, लेकिन कुछ लोग उन्हें देश के खिलाफ बताकर उन पर सवालिया निशान खड़े करते हैं, जो गंभीर चिंता का विषय है। उन्होंने कहा कि सभी मुकद्दस पाक और सच्चे हैं, आज नए युग में मदरसों पर तरह-तरह के सवाल खड़े किए जाते हैं और डिबेट में उन्हें बदनाम किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि चाहे कोई मुस्लिम हो या हिंदू हो या सिख हो या इसाई धर्म हो, वह सब हमारे लिए काबिले तारीफ है, इस इजलास का उद्देश्य यह है कि डिबेट न हो, जो लोग धर्मों के बारे में जानते ही नहीं है, वह गलत प्रचार प्रसार करते हैं। इसमें सभी धर्मों के लोगों को आगे आकर एकजुट होकर लड़ाई लड़ने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि जो सच्चा और पक्का हिंदू या मुस्लिम होगा, वह फिरकापरस्ती या आपस में इख़्तिलाफ़ की बात करेगा ही नहीं। सस्ती शोहरत हासिल करने वाले लोग डिबेट पर आकर प्रवचन देते हैं और जो हमारा मुल्क गंगा-जमुनी तहजीब का एक बेहतरीन उदाहरण है, उसे आज यह लोग बांटना चाह रहे हैं। ऐसा नहीं होने दिया जाएगा, हमने पहले भी मिल करके अपने देश को संवारा है और आगे देश संभालेंगे। एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा कि यह लोग वह है, जो धार्मिक भावना भड़का कर अपनी राजनीतिक रोटियां सेकते हैं और चुनाव में अपने को विजय कराना चाहते हैं। वहीं मोहम्मद आदिल फरीदी ने कहा कि कारी शमीम लाठरदेवा समाज के रहबर ओर आलिम है। उन्हें कौम की चिंता है, कारी शमीम ऐसे धार्मिक आयोजन कर एकता की मिसाल कायम करते हैं। मुस्लिमों के अलावा गैर मुस्लिमों के लिए भी कारी शमीम के दिल में दर्द है।

By Admin

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Share