कलियर।
बीती रात्रि वन विभाग की टीम द्वारा धनौरी शमशान घाट के पास लगाए गए पिंजरे में आखिर गुलदार फंस ही गया। एक बार यह गुलदार पिंजरा तोड़कर भाग चुका है। पकड़े गए गुलदार को वनकर्मियों ने रेस्क्यू सेंटर चिड़ियापुर भिजवा दिया। वहां से उसे जंगल मे छोड़ा जाएगा।
ज्ञात रहे कि धनौरी क्षेत्र में लंबे समय से गुलदार को देखा जा रहा था। करीब एक माह से वन विभाग गुलदार को पकड़ने के लिए धनौरी क्षेत्र के अलग अलग गांव में पिंजरा लगा रहा था। लेकिन शातिर गुलदार पिंजरा देखकर हर बार अपनी जगह बदल रहा था। 26 अप्रेल को देर रात वन विभाग की टीम ने गुलदार को पकड़ने के लिए धनौरी में रतमऊ नदी किनारे वन गुज्जरों के डेरो के पास पिंजरा लगाया था। वन विभाग की टीम पंजरे में बंद मुर्गे को जब चारा दे रही थी। तभी चारा देखकर मुर्गा बांग देने लगा। तभी मुर्गे की आवाज सुनकर गुलदार उसे पकड़ने के लिए पिंजरे में कैद हो गया था। गुलदार की पिंजरे में कैद होने की खबर लगते ही धनौरी गांव के ग्रामीणों की भारी भीड़ मौके पर जमा हो गई थी। मौके से भीड़ को हटाने के विफल प्रयास के कारण उग्र हुए गुलदार ने पिंजरा तोड़ दिया और फरार हो गया था। तभी से वन विभाग की टीम पिंजरे से फरार हुए गुलदार को पकड़ने के प्रयास कर रही थी। बुधवार को वन विभाग की टीम को बड़ी कामयाबी हाथ लगी। पिंजरा तोड़कर फरार हुआ गुलदार एक बार फिर से पिंजरे में कैद हो गया। वन कर्मियों ने इस बार किसी भी ग्रामीण को पिंजरे के पास नही फटकने दिया। गुलदार के पकड़े जाने की खबर लगते ही धनौरी क्षेत्र के ग्रामीणों ने राहत के सांस ली। इस बाबत वन रेंजर मयंक कुमार ने बताया कि करीब एक माह से ग्रामीणों को खेतों में गुलदार देखे जाने की चर्चाएं धनौरी क्षेत्र में चल रही थी। पहली बार यह गुलदार किसी कारणवश पिजरे से फरार होने में सफल गया था, लेकिन बुधवार को एक बार फिर यह गुलदार पिंजरे में कैद हो गया। गुलदार को चिड़ियापुर के रेस्क्यू सेंटर भेजा गया है।
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