रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) नगर निगम की हुई बोर्ड बैठक में आगामी वित्तीय वर्ष 23-24 के लिए अनुमानित 98 करोड रुपए के बजट को स्वीकृति मिली। नगर निगम सभागार में हुई बोर्ड की बैठक से पूर्व एक निगम के अस्थाई कर्मचारी तथा दो पार्षदों के परिजनों के हुए आकस्मिक निधन पर दो मिनट का मौन रखकर श्रद्धांजलि दी गई। बोर्ड मीटिंग में नगर निगम से जुड़े विकास कार्यों पर गहन चर्चा हुई। बोर्ड बैठक के एजेंडे में लाए गए 96 प्रस्ताव में लगभग 82 प्रस्तावों को मंजूरी दे दी गई। प्रारंभिक संबोधन में मेयर गौरव गोयल ने कहा कि वह नगर निगम के विकास कार्यों को लेकर पूरी तरह गंभीर हैं और आज हुई इस बोर्ड बैठक में सभी विकास कार्यों को शीघ्र पूरा कराने के लिए वे सभी पार्षदों को साथ लेकर चलेंगे, जिससे कि नगर निगम का चहंुमुखी विकास हो सके। पार्षद चंद्रप्रकाश बाटा, शक्ति राणा, अनूप राणा, नितिन त्यागी, आशीष अग्रवाल, मंजू भारती, संजीव राय, मयंक पाल, वीरेंद्र गुप्ता आदि ने विकास कार्यों को लेकर बजट को पास कराने में अपनी अहम भूमिका निभाई, वहीं विरोध करने वाले पार्षदों में मीनाक्षी तोमर, धीरज पाल, स्वाति तोमर, राकेश गर्ग, शिवानी कश्यप, विवेक चैधरी, सचिन चैधरी, दया शर्मा, राखी शर्मा तथा प्रमोद पाल द्वारा आज हुई बोर्ड बैठक में बजट को लेकर अपनी नाराजगी जताई गई। किंतु अधिकतर पार्षदों की आम सहमति के चलते बजट कार्यों को ध्वनि मत से पारित कर दिया गया, जिसके अंतर्गत नगर में होने वाले निर्माण कार्यों जैसे पार्कों का सौंदर्यकरण, सालियर में करोड़ों रुपए से निर्मित कूड़े से बिजली बनाने का प्लांट, विद्युत पोल, लाइटें, सड़कों एवं पक्की नालियों का निर्माण आदि के विकास कार्य प्रमुखता से कराए जाएंगे। इस अवसर पर नगर आयुक्त विजय नाथ शुक्ल, सहायक नगर आयुक्त एससी गुप्ता, संजय कुमार, प्रशांत कुमार वित्त अधिकारी, मोहम्मद कयूम, प्रेम कुमार शर्मा, जेई रविंद्र कुमार, गुरदयाल के अलावा पार्षद हेमा बिष्ट, श्रीमती राजेश्वरी देवी, रेशमा परवीन, तबरेज आलम, पंकज सतीजा, बेबी खन्ना आदि मौजूद रहे।
वहीं दूसरी ओर रुड़की नगर निगम में भाजपा पार्षदों की संख्या 29 है। बीते रोज विधायक और जिलाध्यक्ष ने पार्षदों के साथ बैठक कर एकजुट होकर अपना पक्ष रखने की बात कही थी। लेकिन इसके बावजूद भी बैठक में सभी पार्षद बिखरे नजर आए। करीब 9 पार्षद एक सुर में और बाकी दूसरे सुर में बोलते नजर आए। अगर भाजपा के पार्षद एकजुट होते तो बजट बहुमत के साथ पास न होता। कुल मिलाकर जिस तरह से आज भाजपा पार्षद अलग-अलग नजर आये, उससे भाजपा विधायक और जिलाध्यक्ष द्वारा पढ़ाये गये शालीनता के पाठ का कोई असर नजर नहीं आया और उनका पढ़ाया गया पाठ व्यर्थ गया।