हरिद्वार। ( आयुष गुप्ता )
गुमशुदा हुए लैब संचालक के हत्याकांड का पुलिस ने चंद घंटों में ही खुलासा कर दो आरोपियों को गिरफ्तार करने में सफलता पाई है।
सीसीआर में घटना का खुलासा करते हुए एसएसपी अजय सिंह ने बताया कि विगत 13 जनवरी को शिव मंदिर चौक बहादराबाद निवासी प्रेमचन्द पुत्र कुलचन्द द्वारा बहादराबाद थाने में प्रार्थना पत्र देते हुए बताया गया कि उनके पुत्र कार्तिक कुमार की रामधाम कालोनी रानीपुर में अनिका पैथोलोजी नामक लैब है। उनका पुत्र 12 जनवरी 2023 को सुबह अपनी पैथोलोजी में गया था, लेकिन 24 घंटे से ज्यादा होने पर भी वापस नही लौटा। उक्त प्रार्थना पत्र के आधार पर थाने में गुमशुदगी दर्ज करते हुए पुलिस टीम द्वारा गुमशुदा कार्तिक की तलाश शुरु की गई। तो कार्तिक के मोबाइल से कार्तिक की मां अंगूरी देवी को एक काल आयी। जिसमें अज्ञात कॉलर द्वारा कार्तिक की मां से कार्तिक की जान की सलामती के लिए 70 लाख फिरोती देने व इस सम्बन्ध में पुलिस को न बताने की चेतावनी दी गई। उक्त सम्बन्ध में कार्तिक की माता के कथन अन्तर्गत धारा 161 सीआरपीसी व अन्य साक्ष्यों के आधार पर गुमशुदगी को फिरौती के लिए अपहरण में तरमीम करते हुए तत्काल मु0अ0स0 08/23 धारा 364ए भादवि पंजीकृत किया गया। एसएसपी हरिद्वार के निर्देशन में घटना के खुलासे के लिए तत्काल टीमें गठित की गई। पुलिस टीम को जानकारी मिली कि कार्तिक द्वारा 13 जनवरी 2023 को कुल तीन कॉल ट्रांजेक्शन किये गये। उक्त ट्रांजेक्शन शराब के ठेके, मुरादाबादी बिरयानी सेन्टर व कृष्णा ट्रेडर्स से होने की जानकारी मिलते ही सम्बन्धित स्थानों की सीसीटीवी फुटेज टटोलने पर एक लाल जैकेट पहना हुआ स्कूटी सवार लडका मोबाइल बारकोड से पैसे ट्रांसफर करते हुये दिखा। लाल जैकेट पहने लड़के की पहचान पैथोलोजी लैब में सेम्पल लेने का काम करने वाले निपेन्द्र के रूप में हुई। पुलिस द्वारा पूछताछ करने पर संदिग्ध निपेन्द्र ने लैब में कार्यरत शहादत अली के साथ हत्या को अंजाम देने की बात स्वीकारते हुए मृतक कार्तिक का शव अभियुक्त शहादत के दादुपुर स्थित किराये के कमरे में छिपाना स्वीकार किया गया। निपेन्द्र व शहादत को इकबालिया बयान के आधार पर गिरफ्त में लेकर निशादेही पर किराए के कमरे के बाथरुम से शव बरामद किया गया। मौके पर पहुंची मोबाइल फोरेन्सिक टीम द्वारा साक्ष्य एकत्र किये गये। आरोपियों में यह भी बताया कि हत्या के बाद उन्होंने फिरौती मांगी थी। साथ ही बताया कि मृतक की पैथोलोजी लैब में पिछले 8 माह से उक्त लैब में सेम्पलिंग का कार्य कर रहे अभियुक्त शहादत अली व पिछले 3 माह से काम कर रहे अभियुक्त निपेन्द्र को कार्तिक के माता-पिता का लगभग 70 से 80 लाख रुपये का मकान होने की जानकारी मिली थी, जिसके बाद उन्होंने वारदात का तानाबाना बुना। अभियुक्तों की योजना चुपके से शव को नाले में बहाकर फिरौती की रकम लेकर नो दो ग्यारह होने का था, लेकिन उससे पहले ही हरिद्वार पुलिस ने दोनों को दबोच लिया। अपहृत कार्तिक की हत्या के बाद अभियुक्तों ने उसका एन्ड्राइड मोबाइल तोड़कर नहर मे फेंक दिया और छोटा कीपेड मोबाइल फिरोती मांगने के लिये प्रयोग में लाया गया। पुलिस टीम में एसपी अपराध रेखा यादव, एसपी सिटी, स्वतन्त्र कुमार, सीओ ज्वालापुर निहारिका सेमवाल, निरीक्षक रानीपुर नरेंद्र बिष्ट, एसओ बहादराबाद नितेश शर्मा, एसआई अशोक सिरसवाल, हेमदत्त भारद्वाज, पंकज कुमार, पूनम प्रजापति, का. मुकेश नेगी, रणजीत सिहं, सुशील चौहान, विकाश थापा, सुनीत लखेड़ा, चालक त्रिलोक विष्ट, शक्ति सिंह साईबर सैल, सीएमपी अक्षय कुमार (फारेन्सिक फील्ड यूनिट), का0 अनिल (फारेन्सिक फील्ड यूनिट), उ0नि0 रणजीत सिहं तोमर (सीआईयू प्रभारी हरिद्वार), उ0नि0 ऋतुराज रावत, एपी सुन्दर लाल, वसीम अकरम, उमेश कुमार, अजय कुमार, पदम, मनोज कुमार, हरवीर सिहं व नरेन्द्र सिंह शामिल रहे।