रुड़की।
दरोगाओं और इंस्पेक्टरों की उत्तराखंड में पुलिस मुख्यालय से अपनी नज़दीकी के चलते दो रोज़ पहले सोशल मीडिया में एक खबर बहुत ही ट्रेंड हुई कि कैसे जनपद हरिद्वार में तैनात कई कोतवाली में बतौर कोतवाल रहे एक इंस्पेक्टर, अपनी पहुंच के चलते, अपने पूरे कैरियर में कभी पहाड़ नही चढा। इसी क्रम में, हरिद्वार के एक थानाध्यक्ष का भी नाम प्रकाश में आ रहा है कि डेढ़ वर्ष पूर्व पहाड़ों में चढ़े ये दरोगा पुलिस विभाग में अपने आकाओं के चलते पुनः हरिद्वार में तैनाती पा गए है। उल्लेखनीय है कि इस डेढ़ वर्ष की अवधि के दौरान, एक महिला आरक्षी ने इनके विरुद्ध छेड़छाड़ और बदसलूकी का मुकद्दमा भी दर्ज कराया है।
बताते चले दरोगा अजय शाह 2021 तक जनपद हरिद्वार में तैनात थे। बाद में इनका तबादला उत्तरकाशी हो गया, जहां इन्हें जाते ही हर्षिल का थानाध्यक्ष बना दिया गया। इसके कुछ समय बाद, शाह का स्थानांतरण टिहरी कर दिया गया और वहां जाते ही इनकी ताजपोशी फिर बतौर कैंपटी थानाध्यक्ष कर दी गयी। वर्ष 2022 आख़री महीनों में इन्हें पुनः हरिद्वार स्थानांतरित कर दिया और हरिद्वार में भी इन्हें ज़्यादा प्रतीक्षा नही करनी पड़ी, झठ से इन्हें बुग्गावाला थाने की थानाध्यक्ष की कुर्सी भी मिल गयी। इसी क्रम में, एक महिला आरक्षी, जो इनके साथ कैंपटी में तैनात थी, ने इस दरोगा के विरुद्ध छेड़खानी, बदसलूकी और मानसिक उत्पीड़न जैसे गंभीर आरोप लगाए। महिला आरक्षी की शिकायत पर टिहरी पुलिस ने इसी हफ्ते मुकद्दमा दर्ज़ कर जांच भी शुरू कर दी है।
जानकारों का कहना है कि पुलिस मुख्यालय को अजय शाह जैसे दरोगाओं को चिन्हित कर उनकी जगह पर तेज़तर्रार और बेदाग़ छवि के पुलिस ऑफिसर को जनपदों की मुख्य-मुख्य पोस्टिंग देनी चाहिये ओर ऐसे दागी अधिकारियों को अहम जिम्मेदारी वाली पोस्टिंग से दूर रखा जाये।