रुड़की। ( आयुष गुप्ता )
प्रसिद्ध सूफी बुजुर्ग व राष्ट्रीय एकता के प्रतीक हज़रत शाह विलायत के 811वें सालाना उर्स का आग़ाज़ आज मोहल्ला किला स्थित दरगाह में तिलावत ए कलाम पाक, खत्म शरीफ और लंगर के साथ हुआ, जिसमें नगर व दूर-दराज से आये सभी धर्मों के अक़ीदतमन्दों ने भाग लेकर देश में अमन शांति की दुआ की। दरगाह हज़रत शाह विलायत के सज्जादा नशीन शाह विकार चिश्ती ने उर्स की चादर पेश की।बरेली दरगाह नासिरी के नायब सज्जादा ख़्वाजा शाजान नासिरी, ख़्वाजा अफ़नान, ख़्वाजा सलमान नासिरी ने दुआ कराई। सज्जादा नशीन शाह विकार चिश्ती ने बताया कि 10 दिसम्बर को कुल शरीफ और लंगर वितरण के साथ उर्स का समापन होगा। उन्होंने बताया कि बाद मग़रिब, खत्म शरीफ और महफ़िल के नात का कार्यक्रम होगा। आज की चादर पोशी कार्यक्रम में हाफ़िज़ मंसूर, अदील फारूकी, एडवोकेट सलीम अंसारी, राम कुमार, मास्टर सलीम, नईम अहमद, शायर अफ़ज़ल मंगलोरी, अशोक पाल सिंह, अमजद उस्मानी, सूफी मेहरबान, अजय राजवंशी, सयैद नफ़ीसुल हसन, सयैद अकबर हुसैन, मांगा अब्बासी, आदिल काज़मी, छम्मन अली, अनिल शर्मा, इमरान देशभक्त, सलमान फरीदी, एडवोकेट नईम सिद्दीकी, विकास वशिष्ठ, दिनेश सिंघल आदि ने भाग लिया। रात्रि में बिजनोर से आये कव्वाल सरफ़राज़ साबरी ने कलाम पेश किए।