रुड़की। ( बबलू सैनी )
रुड़की क्षेत्र में लगातार नकली दवाई बनाने वाली कंपनियों पर विभाग की छापेमारी चल रही है, लेकिन बावजूद इसके ऐसे दवाई माफिया जेल जाने के बाद बेल पर वापस आ जाते है और फिर से नकली दवा बनाने के काम को अंजाम देने लगते हैं। वही कुछ दवाई माफिया ऐसे भी हैं, जिन पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं और जेल से बाहर आने के बाद फिर से इसी कारोबार को अंजाम दे रहे हैं।
बता दें कि नकली दवा के दो आरोपियो के खिलाफ पुलिस ने गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही की है। ऐसे आरोपी नकली दवा, लूट, हत्या व डकैती जैसे संगीन अपराधों में लिप्त अपराधियों के खिलाफ जिले भर में अभियान चल रहा है, जिसके चलते यह कार्यवाही की गई है। क्योंकि जब से हरिद्वार जिले की कमान एसएसपी अजय सिंह ने संभाली है, तब से अपराधियों के अंदर एक डर पैदा हो गया है। अब ऐसे अपराधियों के खिलाफ गैंगेस्टर और गुंडा एक्ट में कार्रवाई की जा रही है। औषधि निरीक्षक मानवेंद्र सिंह राणा ने माधोपुर में विगत 23 अगस्त 2020 को एक वीआर फार्मा नामक कंपनी पर छापा मारते हुए नकली दवा और कच्चा माल बरामद किया था। जिसका सरगना प्रवीण त्यागी पुत्र राजकुमार त्यागी निवासी इकडी सरधना, मेरठ, कपिल त्यागी पुत्र बृजमोहन निवासी करौंदी थाना भगवानपुर, महेश सैनी निवासी हरिद्वार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया गया था। वही दोबारा फिर वीआर फार्मा कंपनी माधोपुर में औषधि निरीक्षक मानवेंद्र सिंह राणा ने अगस्त 2021 में दोबारा छापा मारकर नकली एंटीबायोटिक दवाइयां और अन्य समान बरामद किया था, जबकि उस वक्त यह कंपनी सील अवस्था में पड़ी थी, लेकिन फिर भी इस कंपनी में नकली दवाई बनाने का कारोबार चल रहा था, जिसमें प्रवीण त्यागी, अमित कुमार, नरेश सिंह निवासी इकबालपुर, संतरपाल निवासी सुन्हेटी, राहुल और अनुज निवासी हरिद्वार के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। पुलिस जांच में सामने आया कि प्रवीण त्यागी पुत्र राजकुमार त्यागी निवासी हाल आर्य नगर गणेशपुर और कपिल त्यागी पुत्र बृजमोहन गांव करौंदी थाना भगवानपुर अपने साथियों के साथ मिलकर नकली दवा का धंधा ऑपरेट कर रहा हैं। गंगनहर कोतवाली प्रभारी ऐश्वर्य पाल की ओर से दोनों पर गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही की गई है। वही आपको बताते चलें कि प्रवीण त्यागी पर गंगनहर कोतवाली के अलावा भी अन्य राज्यों में संगीन धाराओं में मुकदमा दर्ज है, जिसको देखते हुए रुड़की पुलिस ने यह गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही की है। वही सूत्र बताते हैं कि कपिल त्यागी 2020 में माधोपुर फैक्ट्री से प्रवीण त्यागी के साथ गिरफ्तार हुआ था और वह अभी भी जेल में बंद है, लेकिन प्रवीण त्यागी 2020 में जेल जाने के बाद बेल पर बाहर आ गया था और 2021 में फिर दोबारा से सील फैक्ट्री को चलाने और एंटीबायोटिक दवाई बनाने के संबंध में औषधि निरीक्षक मानवेंद्र सिंह राणा ने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था, लेकिन आज तक पुलिस उसे गिरफ्तार नहीं कर पाई, यही वजह है कि प्रवीण त्यागी आजाद पंछी की तरह बाहर घूम रहा है। बहरहाल देखना यह होगा कि अब गैंगस्टर एक्ट की कार्यवाही होने के बाद कब तक यह दवाई माफिया पुलिस की गिरफ्त में आता है।