रुड़की।  ( आयुष गुप्ता ) हजरत मखदूम साबिर पाक के 754वें उर्स के मौके पर ऑल इण्डिया सूफी संत परिषद व उत्तराखण्ड नागरिक सम्मान समिति की ओर से आलमी नातिया मुशायरा साबरी हॉल में अजमेर शरीफ दरगाह के गद्दी नशींन व अजमेर अंजुमन खुद्दाम ए ख्वाजा के अध्यक्ष पीर गुलाम किब्रिया चिश्ती की अध्यक्षता में आयोजित हुआ। जिसमें शायरों ने राष्ट्रीय एकता, आपसी सद्भाव, साबिर पाक की शान में मनकबत, मुहम्मद साहब की शान में नात शरीफ का नजराना पेश किया। मुशायरे में लाहौर की दरगाह के खादिम मु. शफी साबरी और गु्रप लीडर रियाज अहमद साबरी को हिंद-पाक एकता व सद्भाव सम्मान पेश किया गया। वहीं गद्दी नशींन पीर नजर हुसैन चिश्ती ने सभी मेहमानों और शायरों की दस्तारबंदी की। इस मौके पर संयोजक शायर अफजल मंगलौरी ने कहा कि साबिर पाक का उर्स केवल मुसलमानों का उर्स नहीं हैं, बल्कि इसमें हिन्दू, सिक्ख और ईसाई बड़ी संख्या में पहुंचकर अपनी अकीदत पेश करते हैं। शायर जिगर देवबंदी व अलीम वाजिद के संयुक्त संचालन में श्रोताओं ने मुशायरे का लुत्फ लिया। इस दौरान समिति की ओर से पिरान कलियर थाने के प्रभारी मनोहर भंडारी को अवार्ड देकर सम्मानित किया। वहीं डॉ. वसीम राजूपुरी एवं एंकर ख्वाजा तारिक उस्मानी को विशिष्ट अवार्ड से नवाजा गया। इस मौके पर डॉ. संगीता, अजीजुर्रहमान, सत्तार, अजीम, राव आफाक, इकरार उस्मानी, आकिब जावेद आदि ने भाग लिया। पाकिस्तान से आये सूफी इकरार उस्मानी ने कलाम फरमाया कि ‘प्यार का मैं सलाम लाया हूं, एकता का प्याम लाया हूं। अलीम वाजिद ने पढ़ा कि नबी ए पाक का जो भी गुलाम हो जाये, वो शख्स हर जगह आली मकाम हो जाये। इसके अलावा राशिद रामपुरी, सैयद नफीसुलहसन, खयाल मुरादाबादी, शमीम साबरी आदि ने भी अपना कलाम पेश किया। मुशायरे मंे नवाब फरहत सिद्दकी, अनीस गोड़, ईनाम साबरी, अकरम साबरी, राव सिकंदर, पं. अनिल शर्मा, ईश्वर लाल शास्त्री, इमरान देशभक्त, मनव्वर अली आदि मौजूद रहे। बाद में देश की सलामती के लिए दुआ कराई गई।

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