रुड़की। ( आयुष गुप्ता ) हरिद्वार दुग्ध उत्पादक सहकारी संघ की लंढोरा स्थित दुग्धशाला में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के चित्रों पर माल्यार्पण एवं पुष्प अर्पित कर जयंती मनाई गई। सक्षम श्रीवास्तव प्रधान प्रबंधक द्वारा देश की स्वतंत्रता में गांधीजी के योगदान एवं विदेश में बैरिस्टर की शिक्षा ग्रहण कर भारत में जन जागरण, कुरीतियों का उन्मूलन एवं भारतीयों को स्वतंत्रता के लिए संघर्ष करने के लिए तैयार किया। गांधीजी अहिंसा के पुजारी थे तथा सत्याग्रह के माध्यम से देश की आजादी की नींव रखी और वक्त आने पर उन्होंने 1942 में अंग्रेजों भारत छोड़ो तथा करो या मरो का नारा दिया। उन्होंने गांधीजी के 1920 के असहयोग आंदोलन एवं खिलाफत आंदोलन, दांडी यात्रा का वर्णन करते हुए उनके पद चिन्हों पर चलने के लिए प्रेरित किया। दुग्ध शाला प्रभारी सहदेव सिंह पुंडीर ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री का संस्मरण कराते हुए कहा कि भारत में दुग्ध सहकारिता आनंद पद्धति पर चलती है। शास्त्री जी ने आनंद में जाकर दुग्ध सहकारिता की इस पद्धति को देखा और इसको पूरे देश में आनंद पद्धति से फैलाने का आदेश दिया। उन्होंने जय जवान, जय किसान, खेत में किसान, सीमा पर जवान का नारा देकर भारतीयों में देश के प्रति त्याग, समर्पण एवं बलिदान की भावना भरी तथा 1965 के युद्ध में पाकिस्तान को धूल चटाई। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री होकर भी सरकारी संसाधनों को अपने निजी जीवन में प्रयोग नहीं करते तथा उत्तराधिकार के रुप में अपने परिवार को ऋण देकर मरे। इस अवसर पर राकेश चौधरी, देवेंद्र, अशोक नेगी, राजन, शमशाद, शहजाद, सुनील, संजय, लाखन, रंजीत, शुभम, कुलदीप, अमित, शिवकुमार, सरदार सुभाष सिंह, दुष्यंत, रिजवान, अमन राव, सुधीर, विनीत, गोविंद रावत आदि द्वारा पुष्प अर्पित किये गये एवं बाद में मिष्ठान ग्रहण किया गया।