रुड़की।  ( बबलू सैनी ) विवेकान्द सेवा समिति के प्रभारी अरविन्द कोठे ने नेशनल कन्या इण्टर कॉलेज खानपुर की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई द्वारा एक दिवसीय कार्यशाला का आयोजन किया गया, जिसमें छात्र-छात्राओं को सफलता के सोपान तथा व्यक्तित्व विकास के बारे में विस्तृत चर्चा की गई।
उन्होंने कहा कि सर्वप्रथम मुनष्य को एक विचार अपने मन में लेकर उसे अपना जीवन बनाते हुये चिंतन करना चाहिये। हमें शुभ विचारों को ही जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिये अपनाना चाहिये। उन्होंने बताया कि प्रार्थना और स्वुति प्रगति के प्रथम साधन है। एकाग्रता को समस्त ज्ञान का सार बताते हुये उन्होंने कहा कि साधारण मनुष्य अपनी विचार शक्ति का 90 प्रतिशत अंश व्यर्थ ही नष्ट कर देता है। इसके बाद उन्होंने कहा  कि ध्यान वह बल है जो हमे इस सबका सामना करने की सामर्श्य देता है। शरीरिक और मानसिक पवित्रता, धैर्य और लगन से ही मन को वश में रखा जा सकता है। उन्होंने बल और शक्ति, आत्मविश्वास इच्छाशक्ति, भाग्य, शिक्षा, प्रेम और निःस्वार्थता, सफलता सच्चा धर्म पर विस्तार से प्रकाश डाला। प्रधानाचार्य डॉ. घनश्याम गुप्ता ने कहा कि स्वामी विवेकानन्द के दिखाये मार्ग पर चलकर छात्र अपने लक्ष्य की प्राप्ति कर सकते हैं। उन्होंने छात्रों को दुव्यंसनों से बचने की सलाह दी। समिति द्वारा सभी छात्रों व शिक्षकों को सफलता के सोपान तथा व्यक्तित्व का विकास पुस्तकें भेंट की गयी। इस अवसर पर सुरेश चन्द कवटियाल, बलराम गुप्ता, प्रमोद शर्मा, मुकेश कुमार, मीनू यादव, सविता धारीवाल, पंकज कुमार, मीनाक्षी, डॉ. पारस कुमार, विजय कुमार, गायत्री, सुलता देवी सिकदार, अंजुली गुप्ता, बबीता देवी, संजय गुप्ता, सुधा रानी, कुशमणि चौहान, अखिल वर्मा, रंजना, नूतन, रूबी देवी, विशाल भाटी, बृजपाल, सुन्दर आदि मौजूद रहे।

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