रुड़की। ( बबलू सैनी ) साबतवाली गांव स्थित किसान क्लब के कार्यालय पर किसान गोष्ठी का आयोजन किया गया। इस दौरान कृषि वैज्ञानिकों द्वारा सभी किसानों को वैज्ञानिक तरीके से खेती करने का आहवान किया गया। गन्ना विशेषज्ञ भू-सारथी पंकज गोदारा ने कहा कि कम क्षेत्रफल में अधिक गन्ने की पैदावार लेने के लिए आधुनिक तरीके से खेती करनी होगी, तभी किसान लाभान्वित हो सकता हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि मौसम को देखकर गन्ने की बुआई करें और बुआई के समय 30 डिग्री तापमान गन्ने का ज्यादा जमाव करता हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि शरदकालीन बुआई 5 सितंबर से शुरू होकर अक्टूबर तक कर देनी चाहिए। इस दौरान कीटनाशक की जरूरत बेहद कम पड़ती हैं और उत्पादन भी बंपर होता हैं। वहीं वर्ल्ड बैंक के सीनियर कंसलटेंट डॉ. दुष्यंत बादल ने बताया कि जैविक खेती को सरकार द्वारा हाईटैक किया जा रहा हैं। इसमें रजिस्टर्ड किसानों को जमीन में उर्वरा शक्ति, फसल में उर्वरक, माबाईल फोन के मैसेज से पता चल सकेगा। साथ ही उन्होंने कहा कि इस परियोजना से जुड़ने के लिए भूमि में फसल अवशेषों को किसान आग नहीं लगायेंगे, हरी खाद व जैविक खाद का प्रयोग करेंगे तथा मिट्टी की जांच कराकर अन्य पोषक तत्व प्रयोग करेंगे। वहीं इंजी. कटार सिंह ने कहा कि जब सभी किसान आधुनिक तकनीक का प्रयोग करेंगे और टैªंच विधि से गन्ने की फसल की बुआई करेंगे, तो निश्चित रुप से उन्हें फसल का उत्पादन अधिक मिलेगा। उन्होंने कहा कि गोबर की सड़ी-गली खाद व मैली का प्रयोग फसल की बुआई से पहले करना चाहिए। इसके लिए किसानों को रजिस्ट्रेशन भी कराना होगा। उन्होंने कार्यक्रम में पहंुचे सभी किसानों का हृदय से आभार प्रकट किया और उन्नत खेती करने के लिए आगे आने का आहवान किया। इस मौके पर मामचंद त्यागी, ओम कुमार, जय सिंह प्रधान, अरूण त्यागी, मांगेराम, श्रवण कुमार, प्रदीप कसाना, पिंकी चौधरी समेत बड़ी संख्या में किसान मौजूद रहे।