रुड़की। ( बबलू सैनी ) सरस्वती विद्या मन्दिर रुड़की में परिवार प्रबोधन कार्यक्रम का शुभारम्भ डोमेश्वर साहू (क्षेत्रीय संगठन मंत्री विद्या भारती प0उ0 प्रदेश क्षेत्र), डॉ0 विजयपाल सिंह (प्रदेश निरीक्षक भारतीय शिक्षा समिति विद्या भारती उत्तराखण्ड़ प्रान्त), जगन्नाथ सेमवाल (नगर संघचालक भगवानपुरद्ध, रामेश्वर प्रसाद कुलश्रेष्ठ (उपाध्यक्ष), डॉ. रजत अग्रवाल (प्रबन्धक), अमरदीप सिंह (प्रधानाचार्य), मोहन सिंह मटियानी (उप प्रधानाचार्यद्ध एवं कलीराम भट्ट (उप प्रधानाचार्य) द्वारा माँ सरस्वती के चित्र के समक्ष दीप प्रज्वलित कर किया गया।
परिवार प्रबोधन कार्यक्रम के अवसर पर डोमेश्वर साहू एवं डॉ. विजयपाल सिंह ने अभिभावक स्वागत कक्ष का लोकार्पण एवं स्मार्ट क्लास का शुभारंभ किया। परिवार प्रबोधन कार्यक्रम में 96 परिवारों ने भाग लिया एवं परिवार जागरण के बारे में जानकारी प्राप्त की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि डोमेश्वर साहू ने कहा कि भारतीय संस्कृति सनातन है। सनातन का अर्थ शाश्वत है। यह चिर पुरातन होते हुए भी नित्य नूतन है। अपनी संस्कृति के इस अनोखे सामर्थ्य के अनेक कारण है। उन कारणों में से एक कारण है ‘हमारा परिवार, हमारी कुटुम्ब व्यवस्था’। परिवार में अनेक आवश्यकतायें पूर्ण होती है। परस्पर सम्बन्ध दृढ़ होते हैं। इसके साथ-साथ व्यक्तियों मे श्रद्धा निर्माण होता है। परिवार प्रबोधन एक कार्यक्रम नहीं बल्कि एक आन्दोलन है। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे जगन्नाथ सेमवाल ने कहा कि हमारी प्राचीन ऋषि-मुनियों की संस्कृति तो हमें वसुधैव कुटुम्बकम की शिक्षा देती है, परन्तु आज हम पश्चिमी संस्कृति को अपनाकर भारतीय संस्कृति को भूलते जा रहे है, जबकि परिवार एक मूल्यवान इकाई है। मानवता को निभाना ही परिवार का अहम हिस्सा है। कुटुम्ब स्वार्थ में बंधा नही बल्कि हमारा आर्थिक सहयोगी भी है। संस्कारित परिवार से ही समृद्ध राष्ट्र का निर्माण सम्भव है। परिवार के सदस्यों में सहभागिता, सहयोग, सयंम, चरित्र एवं जिम्मेदारी के प्रति जागरूकता पैदा करना हमारा कर्तव्य है। प्रधानाचार्य अमरदीप सिंह ने कहा कि वर्तमान समय में संयुक्त परिवार तेजी से टूटकर एकल परिवारों में बदल रहे है। एकल परिवार आर्थिक रुप से तो सम्पन्न हो सकता है, परन्तु इसमें परस्पर सहयोग, सहनशीलता व संस्कारों की कमी भी देखने को मिलती है। आज के आधुनिकीकरण की दौड़ में भाग रहे समाज में परिवार की भूमिका दुर्बल होती जा रही है। इस घातक परिस्थिति को बदल कर हमें सभी परिवारों को श्रेष्ठ बनाना होगा। इस अवसर पर आशुतोष शर्मा, जसवीर सिंह पुण्डीर, आनन्द कुमार सहित समस्त शिक्षक-शिक्षिकायें मौजूद रहे।