रुड़की। ( बबलू सैनी )
नगर एवं आसपास के ग्रामीण क्षेत्रों में अलविदा जुमा की नमाज़ पूरी अकीदत और श्रद्धा के साथ अदा की। अलविदा जुमे की नमाज के बाद मुल्क में अमन- शांति, तरक्की, आपसी सद्भाव, सुख-समृद्धि व भाईचारे की विशेष दुआ मांगी गई। अलविदा जुमा की नमाज पर मस्जिदों के निकट पुलिस सुरक्षा के कड़े इंतजाम रहे। नगर निगम द्वारा नगर की सभी मस्जिदों के आसपास बेहतर सफाई व्यवस्था तथा चूने का छिड़काव किया गया। नगर की प्रमुख जामा मस्जिद में जुमा की नमाज मुफ्ती मोहम्मद सलीम ने अदा कराई। नमाज जुमा से पहले मौलाना अजहर उल हक ने खुतबा करते हुए कहा कि केवल भूख और प्यास को रोकना ही रोजा नहीं है, बल्कि बुराइयों को त्यागना, नेक बनकर अल्लाह की इबादत करना ही असल रोजा है। उन्होंने कहा कि कुरान पढ़ना और सुनना ही काफी नहीं है, बल्कि उस पर अमल कर बेहतर जिंदगी गुजारना अहम है।
मौलाना अजहर उल हक ने कहा कि रमजान का तीसरा और आखिरी अशरह चल रहा है, जिसमें अल्लाह ताला मोमिन की हर दुआ को कबूल करता है और यह अशरह जहन्नम से निजात का जरिया भी है।मौलाना अरशद कासमी,कारी शमीम अहमद ने कहा कि मुसलमान पूरे अनुशासित ढंग से रमजान के रोजे रख कर और फिजूलखर्ची से बचकर अपनी ने कमाई का हिस्सा गरीबों यतीम और जरूरतमंदों की सेवा में खर्च करता है। उन्होंने कहा कि ईद की नमाज से पहले गरीब पड़ोसी व रिश्तेदार को ईद की खुशी में शामिल करने के लिए हमें फितरे-जकात से उसकी मदद करनी चाहिए। मौलाना नसीम कासमी ने कहा कि ईद रोजेदारों पर अल्लाह का नाम है। ईद एक साथ कोई खुशियों की सौगात लेकर आती है। इस दौरान मौलाना मोहम्मद हारून, कारी जावेद आलम, मौलाना मोहम्मद यूसुफ, कारी जाकिर हुसैन, कारी कलीमुद्दीन, कारी मोहम्मद जफर, हाफिज अशरफ हुसैन, कारी मुर्तुजा, कारी सरफराज आदि ने रमजान की महत्ता पर प्रकाश डाला। इस मौके पर विधायक हाजी फुरकान अहमद, डा. नैयर काजमी, अफजल मंगलौरी, कुंवर जावेद इकबाल, ई. मुजीब मलिक, शेख अहमद जमा, हाजी लुकमान कुरैशी, इरशाद मसूद, जावेद अख्तर एडवोकेट, हाजी मोहम्मद सलीम खान, सैयद नफीस उल हसन, फखरे आलम खान, अलीम सिद्दीकी, हाजी महबूब कुरैशी, इमरान देशभक्त, सलीम साबरी, डॉ. मोहम्मद मतीन, डॉक्टर जीशान अली, नासिर प्रवेज, सलमान फरीदी, मोहम्मद मुबस्सीर समेत आदि ने बड़ी तादाद में अलविदा जुमे की नमाज अदा की।