रुड़की। ( बबलू सैनी ) ऑल इंडिया सूफी संत परिषद की ओर से 21 रमजान योमे शहादत ए मोला अली के अवसर पर मीलाद, जिक्र और देश और दुनिया में अमन व शांति के लिए दुआ की गई।
अजमेर शरीफ दरगाह के गद्दी नशीन साहिबजादा सयैद नजर हुसैन चिश्ती ने कहा कि हर धर्म के महापुरुषों ने समय-समय पर प्रेम, सद्भाव और इंसानियत का पैगाम दिया, जिनमंे हजरत अली का नाम विशेष रुप से लिया जाता है। उन्होंने कहा कि अगर उन महापुरुषों के संदेशों को सच्चे मन हम अपने जीवन में उतार लें, तो जीवन मे कोई भी संकट और परेशानी नही आ सकती है। साहिबजादा चिश्ती ने कहा कि यह दुख का विषय है कि आज कुछ लोग धर्म को नफरत का हथियार बनाकर युवा पीढ़ी के भविष्य को बर्बाद करना चाहते हैं, जिससे बचाव के लिए हर धर्म के संतों और सूफियों को आगे आना चाहिए। उन्होंने कहा आज भारत विश्व के तीन बड़ी महाशक्तियों में शुमार किया जाने लगा है, इसलिए हर हिंदुस्तानी का ये फर्ज है कि अपने मुल्क की तरक्की में अपना योगदान दें। उन्होंने कहा कि सूफी संतों ने अपने पूर्वजों के संदेश पर चलकर भारत में राष्ट्रीय एकता की बुनियाद डाली जिसकी जीती जागती मिसालें अजमेर, कलियर दिल्ली सहित हजारों दरगाहें है, जहाँ हर मजहब के लोग मिलजुल कर भाईचारे का पैगाम देते है। मुफ्ती शमीम साबरी, शाह खालिक अंजार साबरी, शाह यावर मियां साबरी, सयैद तबारक अली चिश्ती, शाह अदील लतीफी साबरी आदि वक्ताओं ने अपने अपने संबोधनों में देश की खुशहाली और अमनो सलामती के लिए प्रार्थना की। परिषद के राष्ट्रीय सचिव व अंतरराष्ट्रीय शायर अफजल मंगलोरी ने कहा कि आज की युवा पीढ़ी को सबसे ज्यादा सोशल नेटवर्किंग ने झूठे, भर्मित, मनघडंत संदेशों और फर्जी घटनाओं की जानकारी ने समाज और परिवार से काटकर रख दिया है जिसका निदान हमारे सूफी संतों को मिल कर करना है। उन्होंने कहा कि परिषद का मुख्य उद्देश्य अपने देश भारत को फिर से हर क्षेत्र में विश्व गुरु बनाना है, जिसके लिए शांति, एकता और सद्भाव का वातावरण बेहद जरूरी है। इस अवसर पर राष्ट्रीय एकता में योगदान देने के लिए रोबिन चौधरी सांखन, बनारस के श्रीकांत प्रजापति, हिमाचल प्रदेश के योगेंद सिंह और पंजाब अमृतसर के अनमोल साबरी को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर अजमेर के सयैद हसन सानी चिश्ती, जिला पंचायत के पूर्व उपाध्यक्ष राव आफाक खान, शायर अफजल मंगलोरी, राव सिकन्दर साबरी, एडवोकेट नईम सिद्दीकी, राव इनाम खान, मनव्वर अली, शेख मेहताब साबरी, सूफी जाकिर अली, राव वाजिद साबरी, सूफी राशिद, शफीक साबरी, राव जरदार साबरी, इमरान देशभक्त, नोमी मियां साबरी, सलीम साबरी, आफताब साबरी, समद साबरी, अहमद कादरी, ने मेहमानों का स्वागत किया। महफिल ए सलाम ओ-मनकबत में आरिष सिद्दीकी, डॉ. दिलदार अली, राजा साबरी, सयैद नफिसुल हसन, अज्जू साबरी, वाजिद साबरी, शाहवेज साबरी ने कलाम पेश किए। अंत में मुफ्ती शमीम साबरी ने देश व दुनिया में अमन और सलामती की दुआ कराई। बाद में चिश्ती-साबरी लंगर का आयोजन किया गया।
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