रुड़की। ( बबलू सैनी ) एक ओर जहां सरकार खनन पर पूरी तरह पाबंदी लगा रही हैं। वहीं छुटमलपुर व अन्य रास्तों से खुलेआम खनन के वाहन उत्तराखण्ड में प्रवेश कर रहे हैं। यही नहीं रुड़की में भी बे-रोक टोक इस अवैध धंधे को अंजाम दिया जा रहा हैं। सूत्र बतातें हैं कि उत्तराखण्ड के बॉर्डर पर वन व पुलिस चौकियां बनी हुई हैं। इसके बावजूद भी कई अन्य लिंकमार्गों से खनन से भरे वाहन बेरोक-टोक रुड़की शहर तक पहंुच रहे हैं। बताया गया है कि इसके एवज में संबंधित विभाग के उच्च अधिकारियों द्वारा सांठ-गांठ के चलते मोटी कमाई की जा रही हैं। कई बार इस संबंध में डीएम हरिद्वार से शिकायत की गई, लेकिन इस पर अभी तक कोई रोक नहीं लग पाई हैं। इसके कारण खनन का कारोबार करने वाले माफियाओं की चांदी कट रही हैं और वह रातों-रात अमीर बन रहे हैं। जबकि सूबे में भाजपा की सरकार हैं और मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी द्वारा खनन पर बड़ा शिकंजा कसा गया हैं। इसके बावजूद भी मौका देखकर माफिया अपने धंधे को अंजाम दे रहे हैं। ऐसा जान पड़ता है कि हमाम में सब नंगे हैं और सबकी मुनाफे में अपनी-अपनी हिस्सेदारी हैं। जिन लोगों को इस खनन की चैकिंग का जिम्मा सौंपा गया हैं, वह भी मन मसोस कर रह जाते हैं। क्योंकि उपर के अधिकारियों का दबाव उन पर रहता हैं और इसी कारण वह अपने हाथ पीछे खींच लेते हैं। अवैध रुप से उत्तराखण्ड में आ रहे इस खनन पर कब रोक लगेगी? यह तो आने वाला समय ही बता पायेगा। फिलहाल तो इस संबंध में उच्च अधिकारियों के साथ ही मुख्यमंत्री से भी शिकायत की गई हैं।