रुड़की। ( बबलू सैनी ) भारतीय नववर्ष (हिन्दू नववर्ष) के स्वागत में राष्ट्रीय कवि सम्मेलन का आयोजन सलेमपुर राजपुताना स्थित शिवांश गार्डन में किया गया। कवि सम्मेलन का शुभारंभ शिक्षा अधिकारी कुंदन सिंह व झबरेड़ा विधायक वीरेंद्र कुमार जाती ने माँ सरस्वती के सम्मुख दीप प्रज्जवलन कर किया। कवि सम्मेलन का आगाज देहरादून से आई वीर रस की सुप्रसिद्ध कवयित्री सुरेखा हिंदुस्तानी ने माँ सरस्वती वंदना से किया। उन्होंने काव्य पाठ करते हुए कहा कि ‘जो कहते थे, हमें डर लग रहा है हिन्दुस्तान में। ब्यांबाजी गलत करते रहे भारत की शान में।। पता चल जाएगी कीमत उन्हें प्यारे वतन की अब।। गुजारिश है कि वो जाकर रहे अफगानिस्तान में।। सुनाकर खूब वाही वाही बटोरी। वीर रस के जाने माने कवि व सुविख्यात मंच संचालक किसलय क्रांतिकारी के संचालन व वरिष्ठ कवि नरेश राजवंशी की अध्यक्षता में देर रात तक चले कवि सम्मेलन में कवियों ने श्रोताओं को अपने गीत, गजलों, कविताओ से बाँधे रखा। वरिष्ठ कवि नरेश राजवंशी ने माँ की महिमा को बताते हुए कहा कि ‘जन्नत में फरिश्तों की गवाही याद आती है। मन्नत में जीवन की उगाही याद आती है।। भले ही कहलाये हम अपने बाप के बेटे।। मुसीबत जब भी आती है माँ ही याद आती है।। सुप्रसिद्ध गजलकार पंकज गर्ग ने नववर्ष के स्वागत में कहा कि ‘नवसंवत्सर आया, पूरे भारत में उल्लास नया छाया।। योगाचार्य प्रकृति के कवि व कवि सम्मेलन के संयोजक कुमार राम ने हुंकार भरते हुए कहा कि ‘जागो भारत माँ के शेरों। तुम्हे जगाने आया हूं।। वैभवशाली इतिहास तुम्हारा।। तुम्हे बताने आया हूं।। वीर रस के युवा कवि विनय प्रताप ने बेटियों के सम्मान में कविता पढ़ी, तो सारा वातावरण भावुक हो गया- ‘जीवन की जलती मशाल बेटियां। प्यार विश्वाश की मिशाल बेटियां।। प्रसिद्ध साहित्यकार राजकुमार उपाध्याय ने नूतन वर्ष का आहवान करते हुए कहा कि ‘सजग बन है मनुज, नववर्ष का सम्मान कर। छोड़ निंद्रा जाग अब, आलोक का आवाहन कर।। वीर रस के जाने माने कवि किसलय क्रांतिकारी ने कुछ इस अंदाज मे गर्मगोशी से काव्यपाठ किया, जिसे सुनकर माहौल गर्मागया। उन्होंने काव्यपाठ करते हुए कहा ‘लिखता नही हूँ रागरंग की कहानी में। देशभक्ति का मैंने चोला है रंगा लिया।। वीर शहीदों के चरणों मे नमन अब।। मैंने देशभक्ति का रंग है चढ़ा लिया।। हास्य कवि अजय त्यागी ने हास्य की कविताओं से श्रोताओं को लोटपोट होने व गुदगुदाने पर मजबूर कर दिया। कवि सम्मेलन में विनीत भारद्वाज, मनीष श्रीवास्तव, तेजपाल तेज, अनिल अमरोही ने भी अपने काव्यपाठ से श्रोताओं पर छाप छोड़ी। आयोजन समीति अध्यक्ष सुलेख चंद ने सभी कवियों व अतिथियों का शॉल व स्मृति चिन्ह देकर स्वागत किया। इस अवसर पर इतिहासकर कर्ण सिंह काम्बू सैनी, सलेख चंद, डॉ. बृजपाल धीमान, पार्षद धिराज सिंह, हाकम सिंह आर्य, रोहताश आर्य, प्रमोद कुमार, प्रवेश धीमान, रोमा सैनी, बिनोद सैनी, जम्मू प्रसाद, मुकेश, राजीवरंजन, हेमेंद्र भाटिया, बिनोद कुमार, देवेंद्र कुमार, अरविंद, साहब सिंह, मुकेश, अरुण, योगेश, पवन, राजेश, आमोद, मनोज, सलेख चंद, शिवचंद रामपाल, अंकित रामपाल, मुकेश, मंजू, राजकुमार, मनीषा सैनी, शिवम, दीपक आदि मौजूद रहे।

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