रुड़की। ( बबलू सैनी ) रामनगर के पार्षद पंकज सतीजा ने बताया कि महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग उत्तराखण्ड द्वारा नंदा गौरा योजना के अन्तर्गत वर्ष 2020-21 के मध्य इंटर उत्तीर्ण करने वाली बालिकाओं के बैंक खाते में प्रति बालिका 51 हजार रुपये धनराशि भेजी जाती हैं। उत्तराखण्ड राज्य के हरिद्वार जिले में मौजूद राजकीय व प्राइवेट कन्या इंटर कॉलेज की उत्तीर्ण छात्राओं को इस योजना का कोई लाभ नहीं मिल पाया। साथ ही उन्होंने कहा कि हरिद्वार जनपद की 2022-21 के सत्र में इंटर उत्तीर्ण छात्राओं में से कोई भी ऐसी छात्रा को इस योजना का लाभ न मिलना, जो कि नंदा गौरा योजना के नियम पूर्ण कर योजना का लाभ प्राप्त कर सके। ऐसी किसी विद्यालय की कोई छात्रा का न होना, जनपद में योजना के व्यापक प्रचार-प्रसार के अभाव को दर्शाता हैं। साथ ही उन्होंने कहा कि जनपद में सैकड़ों कन्या इंटर कॉलेज हैं, जिनमें इंटर की परीक्षा उत्तीर्ण कर छात्राएं आगे बढ़ी हैं और वह इस योजना के लाभ लेने के नियम पूर्ण करती हैं। साथ ही कहा कि इस योजना का विद्यालय प्रबन्ध व बाल विकास विभाग द्वारा व्यापक प्रचार-प्रसार न करवाये जाने के कारण अनेकों ऐसी छात्राएं, जिनके परिवार और अभिभावक आर्थिक रुप से परिवार का भरण-पोषण व बेटियो की शिक्षा का आर्थिक बोझ उठाने में सक्षम नहीं हैं, उन छात्राआंे को इंटर उत्तीर्ण के उपरांत 51 हजार की धनराशि का लाभ उनकी भविष्य की नींव को मजबूती प्रदान करता। साथ ही उन्होंने कहा कि भविष्य में उत्तराखण्ड सरकार की योजनाओं का जनहित को देखते हुए व्यापक प्रचार-प्रसार होना चाहिए ताकि बेटियों को इस योजना का लाभ मिल सके। हैरत की बात है कि सरकार द्वारा बेटियों के हित में नंदा गौरा योजना को इसलिए चलाया गया था, कि कोई भी इंटर पासआउट बेटी इस योजना से महरूम न रहे, लेकिन दुःखः यह भी है कि जनपद में कोई भी बेटी इस योजना का लाभ नहीं ले सकी। जो सरकार की इस योजना की पोल खोल रही हैं।