रुड़की। ( बबलू सैनी ) पत्रकार लोकतंत्र का चौथा स्तम्भ होता हैं और सही को सही व गलत को गलत दर्शाना पत्रकारिता की गरिमा को चार-चांद लगाता हैं और जब कोई व्यक्ति पत्रकार का अपमान करें, तो उसे हैसियत भी दिखानी पड़ती हैं। खानपुर विधानसभा क्षेत्र में पत्रकारों ने यह साबित कर दिखाया कि पत्रकार भी चुनाव जीतकर ऐसे लोगों को मुंहतोड़ जवाब दे सकते हैं, जो अपने को बाहुबली और जननेता बताते हों।
ज्ञात रहे कि खानपुर के पूर्व विधायक प्रणव सिंह ने एक प्रेसवार्ता के दौरान पत्रकारों के खिलाफ अभद्र टिप्पणी करते हुए उनका अपमान किया था। जब इसकी गूंज देहरादून तक पहंुची, तो इसका जवाब देने के लिए वरिष्ठ पत्रकार उमेश कुमार ने खानपुर विधानसभा क्षेत्र में पहंुचे और पत्रकारों के अपमान को लेकर उन्होंने कड़ी प्रतिक्रिया जाहिर करते हुए पत्रकारों की हौंसलाफजाई की और कहा कि पत्रकारों का अपमान कतई सहन नहीं किया जायेगा। इसके बाद स्थानीय पत्रकारों द्वारा प्रणव सिंह पुतले भी दहन किये गये, जिस पर प्रणव द्वारा अपनी टीका- टिप्पणी पत्रकारों को लेकर की गई और मामला इतना बढ़ गया कि वरिष्ठ पत्रकार उमेश कुमार ने उनके सामने चुनाव लड़ने की घोषणा कर दी तथा आम जनता के हित में कार्य शुरू किये और जनता के आशीर्वाद से वह खानपुर विधानसभा सीट भारी मतों से जीतकर विधायक बन गये। इस पर सभी पत्रकारों ने खुशी जताई और कहा कि यह लोकतंत्र के चौथे स्तम्भ की जीत हैं। साथ ही पत्रकारों ने एकता दिखाकर ऐसे विरोधियों को धूल चटा दी।
“हैसियत” पूछने पर पत्रकार ने दिखाई “चैम्पियन” को औकात
