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उद्यान ओर वन विभाग की सांठ गांठ के चलते वन माफियाओं ने अनुमति प्रक्रिया बंद होने के बावजूद काट डाले कई दर्जन आम के हरे पेड़

रुड़की। ( बबलू सैनी ) आम के पेड़ों की सुरक्षा को लेकर उद्यान विभाग कितना सजग हैं, इसकी बानगी आज मंगलौर क्षेत्र में देखने को मिली, जहां लकड़ी माफियाओं ने अनुमति प्रक्रिया बंद होने के बावजूद विभागीय अधिकारियों की सांठ-गांठ के चलते करीब 30 पेड़ रात के अंधेरे में काट दिये। इस बात का खुलासा सुबह होने पर लगा, जब ग्रामीण वहां से गुजरे, तो देखा कि वहां सिर्फ आम के पत्ते पड़े हुये हैं जबकि पूरा बाग साफ हैं। इसके बाद ग्रामीणों ने मामले की जानकारी सम्बन्धित विभाग के अधिकारी को दी। लेकिन विभागीय अधिकारियों की काबिलियत उस समय उजागर हुई, जब मामले की जानकारी लेने के लिए अधिकारी घटनास्थल पर पहंुचे और कार्रवाई का नोटिस गलत व्यक्ति के नाम काट दिया। इस सम्बन्ध में डीएचओ नरेन्द्र कुमार यादव ने अधिनस्थ कर्मचारी को कार्रवाई के निर्देश दिये। जबकि क्षेत्रीय अधिकारी द्वारा अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई। वैसे तो आम के पेड़ों के संरक्षण को लेकर उद्यान विभाग बड़े-बड़े दावे करता हैं, लेकिन उनके इन दावों की लगातार पोल खुलती जा रही हैं। यह कोई पहला मामला नहीं, इससे पहले भी अनुमति प्रक्रिया बंद होने के बावजूद कई आम के पेड़ों को काटकर उन्हें ठिकाने लगाने का काम किया गया। जो विभाग की कार्यशैली पर बड़े सवाल खड़ा करता हैं। अब देखने वाली बात यह है कि आखिर कब तक उक्त माफियाओं के खिलाफ कार्रवाई होती हैं।

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